सीमा विवाद पर नेपाल के पीएम ओली ने दी भारत को धमकी, बोले-किसी भी कीमत पर हासिल करके रहेंगे अपनी जमीन
काठमांडू।
नेपाल
के
तेवर
लगातार
कालापाना-लिमपियाधुरा-लिपुलेक
इलाके
पर
उग्र
होते
जा
रहे
हैं।
अब
नेपाली
प्रधानमंत्री
केपी
ओली
ने
भारत
को
धमकी
देते
हुए
कहा
है
कि
वह
किसी
भी
कीमत
पर
कालापानी-लिमपियाधुरा-लिपुलेक
इलाके
की
जमीन
किसी
भी
कीमत
पर
वापस
लेकर
रहेंगे।
यह
इलाका
नेपाल-भारत
और
तिब्बत
का
ट्राइ-जंक्शन
है।
नेपाल
ने
अपना
नया
नक्शा
जारी
किया
है
और
इसमें
उसने
उत्तराखंड
में
स्थित
उस
लिपुलेख
पास
को
अपनी
सीमा
में
दिखाया
है
जिसका
उद्घाटन
पिछले
दिनों
कैलाश
मानसरोवर
यात्रा
के
लिए
भारत
के
रक्षा
मंत्री
राजनाथ
सिंह
ने
किया
है।
यह भी पढ़ें-क्यों लिपुलेख पास से कैलाश मानसरोवर यात्रा के विरोध में नेपाल
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फर्क नहीं पड़ता कि कौन नाराज होगा
नेपाली पीएम ओली ने मंगलवार को दो माह बाद संसद में भाषण दिया। ओली पिछले दिनों किडनी रि-ट्रांसप्लांट से गुजरे हैं और इस वजह से संसद से दूर थे। ओली ने कहा कि उनकी कैबिनेट ने नए नक्शे को मंजूरी दे दी है। ओली के शब्दों में, 'अब हम लगातार इन हिस्सों को कूटनीति के जरिए वापस हासिल करने में लगे हुए हैं। यह मुद्दे अब कमजोर नहीं होने दिए जाएंगे और हमें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि कौन नाराज होता है। हम उस जमीन को किसी भी कीमत पर हासिल करके रहेंगे।' ओली को स्पीकर अग्नि सापकोट ने बैठकर अपना भाषण देने की मंजूरी दी थी।
इंडियन आर्मी चीफ के बयान पर भड़के ओली
पिछले दिनों इंडियन आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवाणे ने कहा था कि हो सकता है नेपाल किसी के उकसाने पर विरोध कर रहा हो। उनके मुताबिक भारत इस बात से भलीं-भाति वाकिफ है कि किसके कहने पर नेपाल भड़का हुआ है। ओली, आर्मी चीफ के इस बयान के बाद भारत पर जमकर भड़के। उन्होंने कहा, 'हम जो भी करते हैं वह आत्म निर्देशित है। हम भारत के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं लेकिन क्या ये रिश्ते 'सीमामेवा जयते' हो या फिर 'सत्यमेव जयते' होने चाहिए।' इससे पहले जब भारत ने अपने नए नक्शे में कालापानी को अपनी सीमा में दिखाया था। उसके बादद भी भारत और नेपाल के बीच तनाव पैदा हो गया था।
कालापानी पर भी ओली ने धमकाया
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि वह कालापानी से सेना को तुरंत हटा ले। ओली ने कहा था, 'सरकार किसी को भी अपनी जमीन का एक इंच हिस्सा भी नहीं लेने देगी।' उन्होंने आगे कहा, 'पड़ोसी देश को तुरंत हमारी सीमा से अपनी सेना को वापस बुलाना पड़ेगा।' भारत की तरफ से इस स्थिति पर कहा गया है कि उसने नेपाल से सटी सीमा के साथ किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। बल्कि नया नक्शा भारत की वास्तविक संप्रभु सीमाओं को दर्शाता है।
चीन के जिक्र पर क्या बोले पीएम ओली
ओली ने उन आरोपों पर भी जवाब दिया कि नेपाल में चीन के राजदूत होउ यांकी ने उनकी कुर्सी बचाने में मदद की जब इस माह की शुरुआत में उनकी पार्टी ने उनके खिलाफ विरोध कर दिया था। ओली ने इस पर कहा, 'कुछ कहते हैं कि एक विदेशी राजदूत ने मुझे गिरने से बचाया। यह नेपाल की सरकार है जिसे लोगों ने चुना है और कोई भी मुझे बाहर नहीं कर सकता है।'