भारत आने से पहले चीन के प्रेमी नेपाली पीएम ओली ने दिया यह बड़ा बयान
काठमांडू। नेपाल में प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने के बाद केपी ओली अपनी पहली विदेश यात्रा कर रहे हैं, जिसमें वे शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचेंगे। केपी ओली ने भारत आने से पहले कहा कि वे ऐसे किसी भी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे, जो नेपाल के गौरव और अस्मिता के खिलाफ होगा। अपने 53 प्रतिनिधियों के साथ भारत आ रहे केपी ओली 6 से 8 अप्रैल तक नई दिल्ली में रहेंगे। केपी ओली ने कहा कि इस दौरे पर उनका फोकस भारत-नेपाल के बीच पुराने समझौतों पर होगा, ना कि किसी नए समझौते पर।
केपी ओली ने मंगलवार को कहा कि मैं सासंदों की आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैं ऐसा कोई समझौता नहीं करूंगा जो नेपाल के राष्ट्रीय हित के खिलाफ हो। ओली के साथ उनकी पत्नी राधिका शाक्य के अलावा विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञावली, उद्योग मंत्री मातृका यादव, तथा भौतिक योजना एवं अवसंरचना मंत्री रघुबीर महासेठ होंगे।
भारत के लिए रवाना होने से पहले केपी ओली ने कहा कि मैं ऐसे किसी भी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करूंगा जो हमारे मुल्क हित के खिलाफ हो। उन्होंने कहा, 'हम भारत के साथ विश्वास कायम रखना चाहते हैं और द्विपक्षीय संबंधों में किसी भी प्रकार के संदेह को स्पष्ट करना चाहते हैं।'
इसी साल फरवरी में सत्ता संभालने के बाद केपी ओली को बधाई देते हुए पीएम मोदी ने उन्हें भारत आने का निमंत्रण दिया था। बता दें कि नेपाल में लेफ्ट की जीत के बाद से ही ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि काठमांडू का झूकाव पहली बार बीजिंग की तरफ ज्यादा देखने को मिलेगा। ओली ने अपने चुनावी अभियान के दौरान भारत पर भी जमकर हमला बोला था।
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