नेपाल ने सुखाई एवरेस्ट के पास स्थित झील, खतरे में थीं कई जानें
इस झील का नाम इम्जा शो है, जो 5010 मीटर एल्टिट्यूड पर स्थित है। नेपाल की यह झील दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट की चोटी से महज 10 किलोमीटर दक्षिण में है।
काठमांडू। नेपाल ने माउंट एवरेस्ट पर्वत के पास स्थित हिमखंडों वाली एक विशाल झील के पानी को काफी हद तक सुखाने में सफलता हासिल कर ली है। सोमवार को अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी और बताया कि इस झील की वजह से हजारों लोगों की जिंदगी खतरे में थी। इस झील के चलते एक भयावह बाढ़ आने की संभावना थी।
वैज्ञानिकों के अनुसार पर्यावरण में आ रहे बदलावों के चलते हिमालयन ग्लेशियर पिघल रहे थे, जिससे इस झील का पानी लगातार बढ़ता जा रहा था। वैज्ञानिकों ने डर जताया था कि इस तरह होता रहा तो झील के किनारे टूट सकते हैं, जिससे आस पास के इलाकों में बाढ़ आने की भी संभावना है।
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इस झील का नाम इम्जा शो है, जो 5010 मीटर एल्टिट्यूड पर स्थित है। नेपाल की यह झील दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट की चोटी से महज 10 किलोमीटर दक्षिण में है। इस झील का पानी बहुत ही तेजी से बढ़ रहा था।
पिछले ही साल नेपाल में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसकी वजह से नेपाल को जान-माल की भारी हानि पहुंची थी। उस समय भी इस झील की वजह से बाढ़ आने का खतरा जताया गया था।
इस झील को सुखाने के प्रोजेक्ट के एक अधिकारी बहादुर खत्री के अनुसार इस झील को सुखाना सरकार का पहला लक्ष्य था, क्योंकि इससे बहुत से लोगों की जान पर खतरा मंडरा रहा था।
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खत्री के अनुसार इस झील की गहराई करीब 150 मीटर है। 6 महीनों की कड़ी मेहनत के बाद इसके पानी के लेवल को 3.5 मीटर तक कम करने में कामयाबी हासिल कर ली है। 6 महीनों में इस झील से करीब 50 लाख क्यूबिक मीटर पानी निकाला जा चुका है। नेपाल की सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम के साथ मिलकर काम किया।
आपको बता दें कि इस काम में नेपाल सेना के 40 जवान और 100 से भी अधिक हाई एल्टिट्यूड वर्कर लगे हुए थे। इन सभी ने अप्रैल 2016 से ही अलग-अलग शिफ्ट में काम किया और ये सफलता हासिल की है। वे लोग रोजाना सिर्फ 2-3 घंटे ही काम कर पाते थे, क्योंकि वहां पर बर्फ, हवा और ठंड की वजह से काफी रिस्क था।