बिहार के पश्चिमी चंपारण में बॉर्डर के करीब हैलीपैड तैयार कर रहा है नेपाल
काठमांडू। नेपाल अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। भारत के साथ वह लगातार सीमा विवाद को बढ़ाता जा रहा है। जो ताजा जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार ने बिहार के पश्चिमी चंपारण से सटी भारत-नेपाल सीमा के करीब ही एक हैलीपैड का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। जून माह में भी नेपाली सेना ने उत्तराखंड में बॉर्डर के करीब एक हैलीपैड का निर्माण करना शुरू किया था। इसके अलावा उसने यहां पर अपने टेंट तक लगा लिए थे।
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छोटे हैलीकॉप्टर की हो सकेगी लैंडिंग
अधिकारियों की तरफ से बताया गया है कि जो हैलीपैड नेपाल की तरफ से तैयार किया जा रहा है वह नरसही गांव के करीब है और अब पूरा होने की कगार पर है। यह जगह सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की वाल्मिकी टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में थारी बॉर्डर आउटपोस्ट (बीओपी) से बस कुछ ही दूर है। बेतिया जिले से इसकी दूरी करीब 80 किलोमीटर है और यह जिला पश्चिमी चंपारण का हेडक्वार्टर है। एसएसबी की 21वीं बटालियन के कमांडेंट राजेंद्र भारद्वाज ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया है कि उनकी जानकारी के मुताबिक हैलीपैड छोटे हैलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए है और कुछ ही दिन पहले इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ है। कुछ ही दिन पहले इस बात की जानकारी आई थी कि नेपाल, नरसही गांव के करीब सीमा पर हैलीपैड का निर्माण कार्य शुरू करने वाला है।
उत्तराखंड बॉर्डर पर भी गतिविधियां तेज
नेपाल लगातार उत्तराखंड में भारतीय सीमा पर सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ा रहा है। अब उसने बॉर्डर पर हेलीपैड बनाना भी शुरू कर दिया है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचूला से सटे बॉर्डर पर भी नेपाल की गतिविधियों में तेजी आई है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय क्षेत्र मालपा के सामने नेपाल ने अपने इलाके में काली नदी के पास एक हेलीपैड तैयार किया है। इसके साथ ही यहां एक अस्थायी टिन शेड का निर्माण भी हुआ है। कहा गया कि नेपाल-भारत पर अपनी निर्भरता खत्म करने के लिए धारचूला से तिंकर तक पैदल रास्ते का निर्माण कर रहा है। इस काम में जुटे कर्मचारियों के रहने के लिए अस्थायी टिन शेड बनाए जा रहे हैं।