नेपाल: कम्युनिस्ट नेता और PM ओली के बीच नहीं बनी सहमति, निर्णायक साबित हो सकती है सोमवार की बैठक
नई दिल्ली। भारत के साथ जमीन विवाद के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली की कुर्सी खतरे में आ गई है। नेपाल में राजनीतिक उठापटक अपने चरम पर पहुंच चुका है, रविवार को नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के सह-अध्यक्ष पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री केपी ओली से साथ बैठक की। प्राप्त जानकारी के मुताबिक दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक चली बैठक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी और सोमवार को फिर मीटिंग होगी। बता दें कि पीएम केपी शर्मा ओली की ओर से राष्ट्रपति को महाभियोग के जरिए हटाए जाने की साजिश का आरोप लगाया है।
पुष्प कमल दहल और पीएम केपी ओली के बीच यह बैठक बलूवतर में प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई, बताया जा रहा है कि दोनों अपनी बात पर अडे़ हुए हैं जिससे यह बैठक बेनतीजा रही। हालांकि ऐसा भी माना जा रहा है कि दोनों के विचारों में विरोध के चलते सुलह संभव नहीं है, सोमवार की बैठक में कुछ निर्णायक हो सकता है। बता दें कि कोरोना वायरस संकट के बीच नेपाल की राजनीति में हड़कंप मचा हुआ है। चीन के इशारे पर भारतीय जमीन को अपना बताने के बाद भी पीएम ओली अपने खिलाफ उठती आवाजों को दबा नहीं सके हैं।
केपी
ओली
को
मिला
इमरान
खान
का
समर्थन
भारत
के
खिलाफ
नेपाल
का
इस्तेमाल
करने
के
लिए
पाकिस्तान
के
पीएम
इमरान
खान
ने
केपी
शर्मा
ओली
को
अपना
समर्थन
देने
का
ऐलान
किया
है।
मालूम
हो
कि
भारत
के
साथ
तनाव
के
चलते
पाकिस्तान
इन
दिनों
चीन
के
साथ
मिलकर
नेपाल
से
अपनी
दोस्ती
को
गहरा
करने
की
कोशिश
कर
रहा
है।
चीन
के
साथ
पाकिस्तान
की
दोस्ती
जग
जहिर
है,
पीओके
में
चीन
और
पाकिस्तान
ने
मिलकर
कई
प्रोजेक्ट
पर
काम
भी
कर
रहे
हैं,
जिसका
भारत
ने
हमेशा
विरोध
किया
है।
बता
दें
कि
भारत
के
साथ
तनाव
बढ़ाने
और
विवादित
नक्शा
संसद
में
पास
करवाने
के
बाद
नेपाल
के
प्रधानमंत्री
केपी
शर्मा
ओली
की
कुर्सी
खतरे
में
पड़
गई
है।
यह भी पढ़ें: 36 घंटे बाद भी दुर्दांत अपराधी विकास दुबे का पता नहीं लगा सकी पुलिस, नेपाल भागने की भी आशंका