नेपाल आर्मी चीफ ने लगवाई मेड इन इंडिया वैक्सीन की पहली डोज, भारतीय वैक्सीन का दुनिया में डंका
भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय वैक्सीन लगवाया तो वहीं नेपाल के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ पूर्ण चंद्र थापा ने भी भारतीय वैक्सीन का टीका लगावाया है।
काठमांडू: भारतीय वैक्सीन पर भारत में कई सवाल भले ही उठ रहे हों मगर पड़ोसी देशों में धड़ल्ले से भारतीय वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। आज भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय वैक्सीन की पहली डोज ली तो नेपाल के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ पूर्ण चंद्र थापा ने भी भारतीय वैक्सीन का टीका लगावाया है।
नेपाल आर्मी चीफ को भारतीय वैक्सीन
नेपाल आर्मी के चीफ ऑफ स्टाफ पूर्ण चंद्र थापा ने मेड इन इंडिया वैक्सीन टीके का पहला डोज लिया है। नेपाल आर्मी की तरफ से जारी तस्वीर में देखा जा रहा है कि चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ पूर्ण चंद्र थापा भारतीय वैक्सीन का पहला डोज ले रहे हैं। एक तरफ भारतीय स्वदेशी वैक्सीन को लेकर भारत में ही कई विपक्षी नेता सवाल उठा रहे हैं तो विदेश में भारत निर्मित वैक्सीन लेने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। आज भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मेड इन इंडिया वैक्सी का पहला डोज लिया है।
वहीं, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में कोरोनावायरस टीकाकरण अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत एम्स में COVID-19 वैक्सीोन लगवा कर की। पीएम मोदी ने भारत बायोटेक की स्वीदेशी वैक्सी न जिसका नाम कोवैक्सीीन उसकी पहली डोज लगवाई है। पीएम के वैक्सीन लगवाने के बाद लोग अपना रिएक्टीशन ट्वीटर पर दे रहे है और पीएम मोदी की तारीफ कर रहे हैं। बीजेपी ही नहीं विपक्षी नेता भी पीएम मोदी के इस कदम की प्रसंशा कर रहे हैं और लोगों का कहना है कि इससे लोगों के मन में टीके के असर के बारे में संदेह दूर हो जाएगा
टीका लगवाने के बाद पीएम मोदी ने किया ट्वीट
आपको बता दें पीएम मोदी ने कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद ट्वीट पर लिखा '' एम्स में कोविड-19 वैक्सीन की मैंने पहली खुराक ले ली है। कोरोना वायरस के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूती देने में जिस तेजी से हमारे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने काम किया है वो उल्लेखनीय है। मैं उन सभी लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील करता हूं जो वैक्सीन लेने के लिए योग्य हैं। आइए साथ में भारत को कोविड-19 से मुक्त बनाए!''
कोविशील्ड और कोवैक्सीन में तुलना
आपको बता दें कि भारत में इन दो वैक्सीन को ही मंजूरी दी गई थी। शुरुआत से ही कोविशील्ड और कोवैक्सीन की तुलना की जा रही है। इसको लेकर चर्चा होती रही है, लेकिन आज जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का टीका लगवाया तो उस वैक्सीन पर उठने वाले खत्म हो गए। प्रधानमंत्री ने विवाद को खत्म करने की कोशिश की है, क्योंकि कोवैक्सीन को लेकर सबसे ज्यादा सवाल उठाए गए थे और वो इसलिए क्योंकि कोवैक्सीन जिस वक्त थर्ड फेज के ट्रायल से गुजर रही थी, उसी वक्त इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई थी। सवाल यही खड़े हुए थे कि जब थर्ड फेज का ट्रायल पूरा नहीं हुआ था तो वैक्सीन को मंजूरी क्यों दी गई? ऐसे में ये कितनी सेफ होगी? लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसी वैक्सीन का टीका लगवाकर ये साबित कर दिया कि वैक्सीन एकदम सेफ है।
वहीं दूसरी तरफ सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड पूरी तरह से ट्रायल फेज से गुजरकर आई है। इसके अलावा ब्रिटेन सहित कई देशों में इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। बता दें कि भारत में कोविशील्ड का निर्माण ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने एस्ट्रेजेनेका कंपनी के साथ मिलकर किया था। वहीं सीरम इंस्टीट्यूट के अंडर इसका ट्रायल चलाया गया था। - वहीं दूसरी तरफ कोवैक्सीन का निर्माण ICMR और भारत बायोटेक कंपनी ने मिलकर किया था। कोवैक्सीन को लेकर ICMR के महानिदेशक ने कहा था कि जब तक ये वैक्सीन ट्रायल फेज को पूरा नहीं कर लेगी, तब तक इसका टीकाकरण नहीं किया जाएगा।
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