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Mount Everest के बारे में नेपाल और चीन मिलकर कर सकते हैं कोई बड़ा ऐलान

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नई दिल्ली- नेपाल और चीन मिलकर माउंट एवरेस्ट के बारे में जल्द एक बड़ी घोषणा कर सकते हैं। यह घोषणा विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई को लेकर होने वाली है। लेकिन, कुछ महीने पहले ही चीन ने जिस तरह से हिमालय स्थित धरती की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर दावा ठोक दिया था, उससे उसकी और नेपाल की मौजूद सरकार के इरादों को लेकर आशंका पैदा हो रही है। गौरतलब है मई में जब चीनी मीडिया ने एवरेस्ट को चीन का हिस्सा बताया था तो नेपाल उसका जमकर विरोध हुआ था।

माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई की घोषणा की तैयारी!

माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई की घोषणा की तैयारी!

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नेपाल और चीन मिलकर माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को लेकर एक साझा घोषणा करने वाले हैं। इस ऐलान में विश्व की सबसे ऊंची पर्वत शिखर की नई ऊंचाई की बताई जा सकती है। दरअसल, नेपाल ने चीन के साथ इस संबंध में एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर कर रखा है, जिसके मुताबिक माउंट झुमुलांगमा/सागरमाथा की ऊंचाई को चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय और नेपाल के भूमि प्रबंधन, सहकारिता और गरीबी उन्मूलन मंत्रालय के बीच में साझा करने की बात कही गई है। 13 अक्टूबर, 2019 को नेपाल और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की ओर से जारी साझा बयान के तहत इस एमओयू के ड्राफ्ट का आर्टिकल एक यह कहता है कि इस संबंध में तारीखों और ब्योरे के बारे में घोषणा दोनों देशों के राजनीतिक दलों से चर्चा के बाद की जाएगी।

नेपाल और चीन दोनों ने एवरेस्ट नापने का अभियान चलाया है

नेपाल और चीन दोनों ने एवरेस्ट नापने का अभियान चलाया है

दोनों देशों के बीच में इसके लिए जो ड्राफ्ट बनाया गया है उसमें साझा मानचित्र का तो जिक्र है, लेकिन संयुक्त रूप से माप करना इसका हिस्सा नहीं है। जबकि ड्राफ्ट का आर्टिकल पांच कहता है, बीजिंग और काठमांडू के बीच इसके 'सर्वेक्षण, मानचित्रण और भू-सूचना प्रबंधन पर विभिन्न गतिविधियों को लेकर संयुक्त सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक संचार तंत्र स्थापित किया जाना है।' पिछले साल नेपाल की ओर से हिमालय पहाड़ की ऊंचाई नापने का एक अभियान चलाया गया था। इस साल चीन ने इसी इरादे के साथ एक अभियान भेजा है। माना यह जा रहा है कि मौजूदा वैश्विक माहौल में चीन खुद इसकी नई ऊंचाई की घोषणा करने को आतुर है।

अभी 8,848 मीटर है माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई

अभी 8,848 मीटर है माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई

ड्राफ्ट दस्तावेज के आर्टिकल चार के मुताबिक दोनों देशों को माउंट एवरेस्ट के क्षेत्र में 'स्थलाकृतिक मानचित्रण, भौगोलिक सूचना प्रणाली' के लिए 'संयुक्त रूप से वैज्ञानिक रिसर्च और इंजीनियरिंग में सहयोग' करना है। माउंड एवरेस्ट की मौजूदा ऊंचाई 8,848 मीटर है, जिसे भारत, चीन और नेपाल ने मान्यता दी हुई है। इसे 1955 में किए गए एक भारतीय सर्वेक्षण के जरिए स्थापित किया गया था। अपनी हरकतों के चलते चीन ने इस वक्त दुनिया में अपनी जो छवि बना ली है, उससे अगर एवरेस्ट की नई ऊंचाई की घोषणा होती भी है, तो वह भी विवादों में आ सकती है।

क्या अब माउंट एवरेस्ट हड़पना चाहता है चीन ?

क्या अब माउंट एवरेस्ट हड़पना चाहता है चीन ?

सच्चाई ये है कि विस्तारवादी चीन की मंशा काफी वक्त से माउंट एवरेस्ट पर भी दावा जताने की रही है। हाल ही में चीन की सरकारी मीडिया इस तरह का दावा भी कर चुकी है और उसके ग्लोबल टेलीविजन ने इसी साल 2 मई को दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर को चीन का बता दिया था। चीन की मीडिया के इस दावे पर नेपाल में भी बड़ा विवाद हुआ था। हालांकि, नेपाल की केपी शर्मा ओली सरकार ने जिस तरह से इस समय अपनी सरकार को शी जिनपिंग के आदेशों का गुलाम बना रखा है, उससे कोरोना वायरस महामारी के बीच चीन और नेपाल की नई हरकत किसी नई साजिश की आशंका पैदा कर रही है।

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English summary
Nepal and China together can make big announcement about height of Mount Everest
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