फ़ेसबुक स्कैंडल से प्रभावित हुए क़रीब नौ करोड़ लोग
सोशल नेटवर्किंग साइट फ़ेसबुक ने स्वीकार किया है कि 8.7 करोड़ लोगों की जानकारियाँ राजनीतिक सलाह देने वाली कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ ग़लत तरीके से साझा की गई.
बीबीसी का पता चला है कि इसमें से 11 लाख लोग ब्रिटेन के हैं.
हालांकि, इससे पहले व्हिसल ब्लोअर क्रिस्टोफ़र वाइली ने यह आंकड़ा पांच करोड़ बताया था.
सोशल नेटवर्किंग साइट फ़ेसबुक ने स्वीकार किया है कि 8.7 करोड़ लोगों की जानकारियाँ राजनीतिक सलाह देने वाली कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ ग़लत तरीके से साझा की गई.
बीबीसी का पता चला है कि इसमें से 11 लाख लोग ब्रिटेन के हैं.
हालांकि, इससे पहले व्हिसल ब्लोअर क्रिस्टोफ़र वाइली ने यह आंकड़ा पांच करोड़ बताया था.
यह सारी जानकारियां फ़ेसबुक के मुख्य तकनीकी अधिकारी माइक श्रोएफ़र के ब्लॉग से सामने आई हैं.
यह ब्लॉग अमरीका की हाउस कॉमर्स कमेटी की घोषणा के कुछ घंटो बाद प्रकाशित किया गया. कमेटी ने घोषणा की थी कि फ़ेसबुक के संस्थापक मार्क ज़करबर्ग को 11 अप्रैल से पहले अपना बयान देना होगा.
ग़ौरतलब है कि हाल में फ़ेसबुक की इस बात को लेकर ख़ासी आलोचना हुई थी कि कई सालों तक कैम्ब्रिज एनालिटिका करोड़ों लोगों की जानकारियां इकट्ठा कर रही थी लेकिन लंदन स्थित इस कंपनी ने भरोसा दिलाया कि जानकारियां डिलीट कर दी गई हैं.
आश्वासन
हालांकि, चैनल फ़ोर के मुताबिक़ कुछ जानकारियां अब भी इस्तेमाल हो रही हैं, जबकि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने कहा था कि उसने इन्हें नष्ट कर दिया है.
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इससे पहले कैम्ब्रिज एनालिटिका स्कैंडल सामने आने के बाद फ़ेसबुक के संस्थापक मार्क ज़करबर्ग ने स्वीकार किया था कि उनकी कंपनी से 'ग़लतियां हुई हैं.'
उन्होंने ऐसे इंतज़ाम करने का आश्वासन दिया था जिनसे थर्ड-पार्टी ऐप्स के लिए लोगों की जानकारियां हासिल करना मुश्किल हो जाए.
ज़करबर्ग ने कहा था कि ऐप बनाने वाले अलेग्ज़ेंडर कोगन, कैम्ब्रिज एनालिटिका और फ़ेसबुक के बीच जो हुआ वो 'विश्वासघात' के समान है.
उन्होंने कहा कि यह 'फ़ेसबुक और उन लोगों के साथ भी विश्वासघात है, जो अपनी जानकारियां हमारे साथ शेयर करते हैं.'
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