नासा में निकली जॉब, काम कुछ नहीं बस दो महीने सोना और मिलेंगे 13 लाख रुपए
कैलिफोर्निया। अगर आप अपनी जॉब से कुछ दिनों की छुट्टी लेकर सिर्फ सोने या फिर बिस्तर पर ही पड़े रहने का सोच रहे हैं तो फिर नासा का यह स्पेशल ऑफर बस आपके लिए ही है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी, नासा ने अगर आपको अपने एक प्रोजेक्ट के लिए सेलेक्ट कर लिया तो फिर आपको दो माह तक बिना कुछ किए ही लाखों रुपए मिलेंगे। नासा को अपने एक रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए 24 वॉलेंटियर्स की जरूरत है और करीब दो माह तक इन वॉलेंटियर्स को बेड में ही पड़े रहना होगा।
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जर्मन और यूरोपियन स्पेस एजेंसी भी शामिल
नासा इस प्रोजेक्ट के लिए हर वॉलेंटियर को 19,000 अमेरिकी डॉलर देगी। अगर इस रकम को भारतीय मुद्रा में तब्दील किया जाए तो यह करीब 13 लाख रुपए बैठती है। जरा सोचिए दो माह में सोने के लिए आपको 13 लाख रुपए की रकम मिलेगी। नासा के अलावा इस प्रोजेक्ट में जर्मनी और यूरोप की स्पेस एजेंसियां भी शामिल हैं। नासा, जर्मनी और यूरोपियन स्पेस एजेंसी की ओर से इस पर एक बयान जारी किया गया है। इस बयान में कहा गया है, 'हमें सिंतबर से दिसंबर तक कलोन में होने वाली एक बेड रेस्ट स्टडी के लिए टेस्ट पर्संस की जरूरत है। इन लोगों को 60 दिन बस लेटकर गुजारने होंगे।'
क्या है स्टडी का मकसद
बयान में आगे कहा गया है कि इस स्टडी के तहत यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि जब शरीर पर कोई वजन नहीं होता है तो शरीर कैसे बदलता है और बेड रेस्ट इस स्थिति को काफी प्रभावित करता है। स्टडी के नतीजों के बाद वैज्ञानिक ऐसी टेक्निक्स डेवलप करेंके जिससे अंतरिक्ष यात्रियों पर वेटलेसनेस यानी भारहीनता के नकारात्मक प्रभावों को कैसे कम किया जा सकता है। इस स्टडी के लिए 12 लड़कों और 12 लड़कियों का चयन किया जाएगा।
कैसे होगी स्टडी
दो महीनों के दौरान वॉलेंटियर्स को एक सिंगल रूम में रहना होगा लेकिन वे सभी ग्रुप्स में बंटे होंगे। एक ग्रुप सेन्ट्रफ्यूज में लगातार घूमता रहेगा, सेन्ट्रफ्यूज का प्रकार का आर्टिफिशियल ग्रैविट (गुरुत्वाकर्षण) चैंबर है जो खून के बहाव को हाथ पैर की तरफ पूरी ताकत से भेजने का काम करेगा। दूसरा ग्रुप ऐसा होगा जो बिल्कुल भी मूव नहीं करेगा। नासा की पहले की एक स्टडी में शामिल रहे एक प्रतिभागी ने इस बारे में और ज्यादा जानकारी दी है।
क्या सोचते हैं प्रतिभागी
एबीसी न्यूज के मुताबिक जांजा नामक एक प्रतिभागी ने कहा था कि नासा की स्टडी में हिस्सा लेना उसके लिए बहुत ही खास और काफी अच्छा अनुभव था। लेकिन जिस बात ने उन्हें सबसे ज्यादा हैरान किया था वह थी उनका बेड रेस्ट के लिए आदी हो जाना। जांजा के मुताबिक कुछ दिनों बाद उनका शरीर बेड रेस्ट का आदी हो गया और यह उनकी कल्पनाओं की तुलना में कहीं ज्यादा आसान था। फिर समय कैसे निकल गया, उन्हें पता ही नहीं चला। लेटे लेटे ही लोगों को खाना खाना होगा, एक्सरसाइज करनी होगी, कपड़े पहनने होंगे और यहां तक की नहाना भी होगा। इस पूरी स्टडी को एक स्टेट-ऑफ-द-आर्ट फैसिलिट 'एनवीहाब' में पूरा किया जाएगा।