एस्टेरॉयड दे रहे वैज्ञानिकों को चमका, कभी भी पृथ्वी से हो सकती है टक्कर, नासा ने दी चेतावनी
नई दिल्ली, 17 जनवरी: अंतरिक्ष में एस्टेरॉयड की संख्या कितनी है, इसका अनुमान लगाना असंभव है, लेकिन वक्त-वक्त पर ये पृथ्वी के पास से गुजरते हैं। मौजूदा वक्त में हाईटेक उपकरणों की मदद से वैज्ञानिक इनकी स्पीड, दोबारा पास आने का वक्त आदि पता लगा लेते हैं, लेकिन अब नासा ने एक चिंताजनक खबर दी है। जिसके मुताबिक ये एस्टेरॉयड अब हाईटेक टेलीस्कोप्स को भी चकमा दे रहे हैं।
ब्लैक स्पॉट है वजह
नासा की फंडिंग से शोध कर रहे वैज्ञानिकों के मुताबिक एस्टेरॉयड जब धरती की ओर आता है, तो टेलीस्कोप की मदद से उसको देख लिया जाता है, लेकिन कई बार अंतिरक्ष में ब्लैक स्पॉट के कारण इसका पता नहीं लगाया जा सकता है। 2019 में इसी तरह की घटना हुई, जहां 100 मीटर का एस्टेरॉयड जब पृथ्वी के 43000 मीटर दूर से गुजरा, तो सिर्फ 24 घंटे पहले ही उसके बारे में पता चला।
पृथ्वी के चक्कर की वजह से ब्लैक स्पॉट
नासा के वैज्ञानिकों को पता चला है कि रात के वक्त जब कोई वस्तु पृथ्वी की ओर पूर्व से आती है तो हमें यह स्थिर दिखाई दे सकती है क्योंकि हमारा ग्रह सूर्य के चारों ओर लगातार चक्कर लगाता है। इसे आप एक तरह का ब्लैक स्पॉट कह सकते हैं, जिसमें टेलीस्कोप धोखा खा जाएगा। अगर भविष्य में ऐसा फिर कभी हुआ तो कोई भी एस्टेरॉयड पृथ्वी से आकार टकरा जाएगा और हमें पहले से उसकी जानकारी भी नहीं रहेगी।
पिछले साल लॉन्च किया था यान
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक एस्टेरॉयड के खतरों से निपटने के लिए नासा के पिछले साल एक स्पेशल अंतरिक्षयान लॉन्च किया था। मामले में हवाई विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक ने कहा कि ब्लैक स्पॉट चिंता का विषय हैं। अगर कोई एस्टेरॉयड हमारी ओर आ रहा और हमें वक्त रहते पता चल गया, तो हम उससे निपटने का तरीका खोज सकते हैं।
कितनी खतरनाक होगी इसकी टक्कर
ये बात तो साफ है कि पृथ्वी पर लाखों साल पहले डायनसोर पाए जाते थे। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि उस वक्त किसी बड़े एस्टेरॉयड की टक्कर की वजह से उनका सर्वनाश हो गया। इसके अलावा पृथ्वी की भौगोलिक स्थिति बदल गई। वैसे अगर किसी छोटे एस्टेरॉयड की टक्कर पृथ्वी से हुई, तो वायुमंडल में आते ही वो जलकर राख हो जाएगा, लेकिन वो बड़ा निकला तो हालात बिगड़ सकते हैं।