NASA के वैज्ञानिकों को मिले 'पैरलल यूनिवर्स' के सबूत, यहां उल्टा चलता है समय
वाशिंगटन। दुनियाभर में वैज्ञानिक नई तरह की खोज और शोध करते रहते हैं, जिनमें से कई चौंकाने वाले भी होते हैं। अब नासा के वैज्ञानिकों ने भी ऐसी ही बड़ी खोज की है। नासा (NASA) के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्हें पैरलल यूनिवर्स (समानांतर ब्रह्मांड) होने के सबूत मिले हैं। यहां भौतिकी के नियम भी बिल्कुल उल्टे हैं। इसका मतलब ये कि यहां समय आगे चलने के बजाय पीछे चलता है। दशकों से ऐसी संभावना को लेकर बहस भी चल रही थी।
अंटार्कटिका की घटना से मिले सबूत
ऐसा माना जाता है कि साल 1952 के बाद से ही ऐसी संभावना जताई गई कि हम एक मल्टिवर्स में रहते हैं। इस बात को साबित करने के लिए कभी सबूत नहीं मिल सके। हालांकि अब वैज्ञानिकों को अंटार्कटिका में हुई एक घटना से इससे जुड़े कुछ सबूत मिले हैं। अनुमान के अनुसार, इस घटना से ये साबित हो सकता है कि हमारे आसपास ही एक दूसरा समांतर ब्रह्माण्ड (Parallel Universe) है। कॉस्मिक रे डिटेक्शन एक्सपेरिमेंट में ऐसे कण मिले हैं, जिनसे इस बात की पुष्टि होती है।
ANITA से प्रयोग किया गया
इस पूरे मामले को समझने के लिए नासा के वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका में एक प्रयोग किया है। नासा ने अपने अंटार्कटिक इम्पलसिव ट्रांजियंट एंटीना (ANITA) में एक बडे़ से गुब्बारे पर इलेक्ट्रोनिक एंटिना को अंटार्कटिका में सूखी और ठंडी हवा के बीच ऊंचाई पर टिकाया। इस स्थान को इसलिए चुना गया क्योंकि न तो यहां वायु प्रदूषण है और न ही किसी प्रकार की ध्वनि से अवरोध उत्पन्न होने की संभावना। इसके साथ ही वैज्ञानिकों का ये भी मानना है कि अंटार्कटिका पर किरणों का व्यवधान कम से कम होगा।
शोध में क्या पता चला?
इस शोध में वैज्ञानिकों को पता चला कि हाई एनर्जी के कण लगातार हवा के जरिए अंतरिक्ष से धरती पर आते हैं। हाई एनर्जी कणों का केवल अंतरिक्ष से नीचे आने पर पता लगाया जा सकता है, लेकिन इस शोध में वैज्ञानिकों ने उन सभी कणों के बारे में पता लगाया जो धरती से ऊपर की ओर उठते हैं। यानी ऊपर की ओर जाते हैं। इसका मतलब ये हुआ कि ये कण वास्तव में धरती के एक समानांतर ब्रह्मांड होने का सबूत देते हैं। यहां समय उल्टा चलता है। लेकिन वैज्ञानिकों की इस परिकल्पना पर सभी लोग सहमत नहीं हैं।
क्या दो ब्रह्मांड बने थे?
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 13.8 बिलियन साल पहले बिग बैंग के समय दो ब्रह्मांड बने थे। इनमें से एक वो है, जहां हम रहते हैं और दूसरा वो है, जो वक्त के साथ पीछे चल रहा है। इससे पहले इस तरह की चीजें हमें केवल फिल्मों और टीवी शोज में ही देखने को मिलती थीं लेकिन अब एक नई खोज में इसके सबूत भी मिल गए हैं, जिससे पता चलता है कि ऐसी दुनिया भी हो सकती है।
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