Mars Perseverance Rover: मंगल की सतह पर सफलतापूर्वक उतरा NASA का रोवर, देखें लाल ग्रह की तस्वीर
Mars Perseverance Rover: मंगल की सतह पर सफलतापूर्वक उतरा NASA का रोवर, देखें लाल ग्रह की तस्वीर
NASA Perseverance rover lands safely on Mars: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पर्सिवरेंस रोवर शुक्रवार (19 फरवरी) को मंगल ग्रह की सतह पर सफलतापूर्वक उतरा। सात महीने पहले मार्स पर्सिवरेंस रोवर ने धरती से टेकऑफ किया था। भारतीय समय के अनुसार 2 बजकर 25 मिनट के करीब पर्सिवरेंस रोवर ने (Perseverance Rover) ने मंगल ग्रह की सतह पर लैंड किया। मार्स पर्सिवरेंस रोवर को नासा ने जेजेरो क्रेटर में सफलतापूर्वक लैंड कराया है। रोवर के लाल ग्रह (मंगल ग्रह) पर पहुंचने के फौरन बाद ही नासा ने वहां की पहली तस्वीर भी जारी कर दी है। जिसे मंगल ग्रह के रहस्यों के उद्घाटन की दिशा में एक उपलब्धि माना जा रहा है।
इसी के साथ अमेरिका दुनियाभर में मंगल ग्रह पर सबसे ज्यादा रोवर भेजने वाला देश बन गया है। नासा के मुताबिक इस रोवर को मंगल ग्रह पर भेजने का लक्ष्य प्राचीन जीवन का पता लगाना है और वहां के मिट्टी और पत्थरों का सैंपल लेकर धरती पर वापस आना है।
NASA ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर मंगल ग्रह पर पहुंचे रोवर की पहली तस्वीर जारी की और कैप्शन में लिखा- 'हेलो दुनिया, मेरे अपने घर से मेरा पहला लुक।' नासा ने रोवर के दूसरी साइड से भी एक तस्वीर शेयर की है। नासा ने ये भी बताया है कि पर्सिवरेंस रोवर के मंगल ग्रह पर पहुंचने की प्रक्रिया आसान नहीं थी।
नासा ने बताया कि लैंडिग से पहले पर्सिवरेंस रोवर को उस दौर से भी गुजरना पड़ा, जिसे टेरर ऑफ सेवन मिनट्स कहा जाता है। इस दौरान रोवर की स्पीड 12 हजार मील प्रति घंटा थी। रोवर मंगल के वायुमंडल में प्रवेश कर चुका था। ऐसे में घर्षण से बढ़े तापमान के कारण पर्सिवरेंस रोवर को नुकसान पहुंचने की संभावना ज्यादा थी।
बता दें कि पर्सिवरेंस रोवर मंगल ग्रह के जेजेरो क्रेटर इलाके में लैंड हुआ है ये लाल ग्रह का काफी दुर्गम इलाका माना जाता है। जेजेरो क्रेटर में पहाड़, नुकीले क्लिफ, रेत के टीले, घाटियां है। कहा ये भी जाता है कि जेजेरो क्रेटर में पहले नदी बहती थी, जो एक झील में जाकर मिलती थी। जिसके बाद वहां डेल्टा बन गया। ऐसे में पर्सिवरेंस रोवर की लैंडिंग की सफलता पर पूरे समय दुनियाभर के वैज्ञानिक की निगाहें थीं। जेजेरो क्रेटर से लोगों वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि वहां पर मानव जीवन के संकेत मिले।