मंगल ग्रह पर NASA के हेलिकॉप्टर की सफल उड़ान, रचा इतिहास
नासा का हेलिकॉप्टर आज मंगल ग्रह पर ऐतिहासिल उड़ान भरने वाला है। अंतरिक्ष इतिहास के लिए आज का दिन ऐतिहासिक हो सकता है।
ह्यूस्टन, अप्रैल 19: इंसानों के अंतरिक्ष इतिहास के लिए आज का दिन ऐतिहासिक हो गया है। आज नासा के हेलिकॉप्टर ने मंगल ग्रह पर उड़ान भरी। मंगल ग्रह पर नासा के हेलिकॉप्टर की सफल उड़ान के साथ ही इसके साथ ही करीब 6 सालों से चली आ रही अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की मेहनत आज कामयाब हो गई है। नासा के इस मिशन पर पूरी दुनिया की नजर है। इसका लाइव प्रसारण भी नासा ने किया है। अंतरिक्ष इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी दूसरे ग्रह पर किसी हेलिकॉप्टर ने उड़ान भरी हो।
नासा का ऐतिहासिक मिशन
ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी दूसरे ग्रह पर धरती का कोई हेलिकॉप्टर उड़ान भर रहा हो। भारतीय समय के मुताबिक शाम करीब 3 बजकर 45 मिनट पर नासा इस ऐतिहासिक मिशन का लाइव प्रसारण हुआ।
इससे पहले नासा के इस मिशन के प्रोजेक्ट मैनेजर मिमि आंग ने कहा था कि 'सोमवार को नासा का हेलिकॉप्टर मंगर ग्रह पर उड़ान भरने की कोशिश करेगा, लेकिन हम यह भी जानते हैं कि हमें इसके लिए फिर से नये सिरे से मेहनत करनी पड़ सकती है'। नासा के हेलिकॉप्टर मिशन की प्रोजेक्ट मैनेजर मिमि यांग बताती हैं कि 'इंजीनियरिंग की दुनिया में सफलता की कोई गारंटी नहीं होती है और सबकुछ अनिश्चित होता है लेकिन नासा की ये कोशिश निश्चित तौर पर अत्याधुनिक, रोमांचक और फायदा देने वाला है।' आपको बता दें कि इससे पहले नासा का ये हेलिकॉप्टर 11 अप्रैल को उड़ान भरने वाला था लेकिन उड़ान से पहले कमांड देने वाले सिस्टम में कुछ दिक्कतें आ गईं थीं, जिसके बाद इस हेलिकॉप्टर के उड़ान को आजतक के लिए टाल दिया गया था। इस टीम के वैज्ञानिकों ने इस मिशन से जुड़े सॉफ्टवेयर को अपडेट किया है।
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सफलता पर क्या कह रहे थे वैज्ञानिक
मंगल ग्रह पर ऐतिहासिक उड़ान भरने से पहले नासा के वैज्ञानिकों का कहना था कि हेलिकॉप्टर मिशन से से पहले हेलिकॉप्टर ने रैपिड स्पिन टेस्ट को पास कर लिया है, लेकिन अब इस हेलिकॉप्टर को आगे की मिशन को खुद ही अंजाम देना होगा। नासा की रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक ये हेलिकॉप्टर पूरी तरह से सही हालत में है और उम्मीद की जा रही है कि मिशन कामयाब होगा। नासा ने अपने बयान में कहा है कि टेक ऑफ करने के बाद अगर कुछ देर तक ये हेलिकॉप्टर घूमने में कामयाब रहता है तो इस मिशन के कामयाब होने की संभावना 90 फीसदी से ज्यादा बढ़ जाएगी और अगर यह हेलिकॉप्टर कामयाबी के साथ उड़ान भरने के साथ साथ अगर सही तरीके से लैंड कर जाता है तो फिर चार और फ्लाइट्स को लेकर नासा टेस्ट करेगा। ऐतिहासिल उड़ान को लाइव देखने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें।
कितना ऐतिहासिक है मिशन?
जाहिर सी बात है, मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं, जीवन था या नहीं, इसकी खोज करने की कोशिश सालों से की जा रही है और अभी तक मंगल ग्रह की सतह को लेकर ज्यादा जानकारियां हासिल नहीं हो पाई हैं। सैटेलाइट्स के जरिए कुछ तस्वीरों से पता चलता है कि मंगल ग्रह का सतह काफी ज्यादा उबड़-खाबड़ है, लिहाजा यहां स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग आसान नहीं है। इसके साथ ही मंगल ग्रह की कक्षा में चक्कर लगा रहे सैटेलाइट्स एक सीमा तक ही मंगल ग्रह को देख पाते हैं, जबकि मंगल ग्रह के हर सतह तक पहुंचना रोवर के लिए भी संभव नहीं है। लिहाजा, अगर हेलिकॉप्टर उड़ान भरने में कामयाब रहता है तो ये मंगल ग्रह से सटीक तस्वीरें अलग अलग जगहों पर पहुंचकर ले सकता है। जिससे मंगल ग्रह के बारे में काफी कुछ जानकारियां हासिल हो पाएंगी।
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