सौर मंडल के सबसे बड़े चंद्रमा गेनीमेड तक पहुंचा जूनो स्पेसक्राफ्ट, करीब से ऐसा दिखता है चांद
वाशिंगटन, जून 09: दुनियाभर के वैज्ञानिक अंतरिक्ष में जीवन की तलाश में जुटे हुए हैं। ऐसे में मंगल ग्रह के बाद वैज्ञानिकों का मानना है कि सौर मंडल में भी एक ऐसी खास जगह है, जहां जीवन की संभावना मंगल ग्रह से भी ज्यादा है, जिसके तहत सौरमंडल के सबसे बड़े चंद्रमा गेनीमेड तक नासा का जूनो स्पेसक्राफ्ट पहुंचा, जिसने इस सबसे बड़े गेनीमेड चांद की करीब से तस्वीरें कैद की। नासा जूनो की 7 जून, 2021 की पहली दो फोटो जुपिटर (बृहस्पति) के विशाल चंद्रमा गैनीमेड की फ्लाईबाई से हासिल हुई है।
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जुपिटर का सब से बड़ा उपग्रह गैनीमीड
गैनीमीड हमारे सौर मंडल के पांचवे ग्रह बृहस्पति (जुपिटर) का सब से बड़ा उपग्रह है। इसके साथ ही यह पूरे सौर मंडल का सब से बड़ा चन्द्रमा है। इसका व्यास 5,268 किमी है, जो बुध ग्रह से भी 8% बड़ा है। इसका द्रव्यमान भी सौर मंडल के सारे चंद्रमाओं में सबसे ज्यादा है और पृथ्वी के चन्द्रमा का 2.2 गुना है। सतह के करीब 1,000 किमी की दूरी पर घूमते हुए नासा के जूनो अंतरिक्ष यान ने सौर मंडल के सबसे बड़े चंद्रमा गैनीमेड का दौरा किया।
सामने आई हाई रिजॉल्यूशन तस्वीरें
दो दशकों के बाद यानी करीब 21 साल से बाद जूनो स्पेसक्राफ्ट ने चंद्रमा की हाई रिजॉल्यूशन तस्वीरों को पृथ्वी पर भेजा है। सामने नई तस्वीरें क्रेटर और टेक्टोनिक दोषों सहित कई सतह विशेषताओं पर फोकस करती हैं। जुपिटर ऑर्बिटर के जूनोकैम इमेजर और स्टेलर रेफरेंस यूनिट स्टार कैमरे से ली गई फोटो चंद्रमा के क्रेटर, स्पष्ट रूप से अलग अंधेरे और उज्ज्वल इलाके और लंबी संरचनात्मक विशेषताएं संभवतः टेक्टोनिक दोषों से जुड़ी हुई हैं। नासा ने कहा कि अंतरिक्ष यान पानी से घिरे चंद्रमा के लगभग पूरे हिस्से को कवर करने में कामयाब रहा है।
अब चंद्रमा की कलर फोटो बनाने का होगा काम
तस्वीरों को लेकर जूनो के प्रिंसिपल इनवेस्टिगेटर स्कॉट बोल्टन ने कहा कि यह एक पीढ़ी में इस विशाल चंद्रमा के लिए किसी भी अंतरिक्ष यान के सबसे करीब है। वैज्ञानिक अब चंद्रमा का एक रंगीन फोटो बनाने का काम करेंगे, जो बुध ग्रह से भी बड़ा है। जब फोटो मिलती हैं तो इमेजिंग स्पेशलिस्ट उन्हें इस बर्फीले दुनिया की नई छवि देने के लिए फिल्टर करेंगे। काले और सफेद चित्र नेविगेशन कैमरे द्वारा प्रदान किए गए थे, जो अंतरिक्ष यान को सही दिशा में रखता है। अंतरिक्ष यान ने चंद्रमा के अंधेरे पक्ष (सूर्य के विपरीत पक्ष) पर कब्जा कर लिया, जो बृहस्पति की मंद रोशनी में थोड़ा रोशन था।
इन तस्वीरों से मिलेगी चंद्रमा को समझने में मदद
नासा ने कहा कि अंतरिक्ष यान जूनो आने वाले दिनों में अपने गैनीमेड फ्लाईबाई से और तस्वीरें भेजेगा। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि फ्लाईबाई से उन्हें चंद्रमा की संरचना, आयनोस्फीयर, मैग्नेटोस्फीयर और बर्फ के गोले को समझने में मदद करेगी और साथ ही विकिरण पर्यावरण का मापन भी करेगी। जूनो जो बृहस्पति के चारों ओर व्यापक कक्षाएं बना रहा है। उसने स्पेसक्राफ्ट के निकटतम दृष्टिकोण से लगभग तीन घंटे पहले डेटा एकत्र करना शुरू किया और गैनीमेड की जल-बर्फ की परत को देखा। इसकी संरचना और तापमान का भी डेटा हासिल किया।
ऐसे रखा गया जूनो स्पेसक्राफ्ट का नाम
आपको बता दें कि बृहस्पति की पत्नी और देवी जूनो के नाम पर जूनो स्पेसक्राफ्ट को नासा ने 2011 में लॉन्च किया गया था, जिसके बाद यह 2016 में बृहस्पति ग्रह तक पहुंचा था। बृहस्पति की कक्षा में आने के बाद से अंतरिक्ष यान अपने घने बादल कवर के माध्यम से ग्रह की उत्पत्ति और विकास को समझने की कोशिश कर रहा है।
खतरे का बजा अलार्म! अंटार्कटिका में दुनिया का सबसे बड़ा आइसबर्ग टूटा, टेंशन में वैज्ञानिक
Hello, old friend. Yesterday our #JunoMission made the first close flyby of Jupiter’s giant moon Ganymede in more than 20 years, and the first two images have been received on Earth. 📸 More to come. See details at: https://t.co/zIVMO6waKH pic.twitter.com/2RiW3iSmIp
— NASA Solar System (@NASASolarSystem) June 8, 2021
फोटो साभार- नासा ट्वीटर