मंगल ग्रह पर अपॉर्चुनिटी रोवर से संपर्क साधने की NASA की आखिरी कोशिश, 8 महीने से बंद पड़ा है मिशन
नई दिल्ली। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के सौर-संचालित 'अपॉर्चुनिटी रोवर' पिछले आठ महीनों से शांत है, जिसके साथ एक बार फिर से संपर्क साधने की कोशिश की जा रही है। इसे नासा की अंतिम कोशिश माना जा रहा है। पिछले साल जून में आए रेतीले तुफान के बाद से रोवर की ट्रांसमिशन क्षमता कमजोर हो गई थी। तूफान की वजह से इसके ऊर्जा के मुख्य स्रोत सूरज की रोशनी भी नहीं मिल पा रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, नासा आखिरी बार अपने रोवर से संपर्क साधने की कोशिश साधने की कोशिश करेगा। अगर बुधवार को रोवर ने कोई रिस्पोंस नहीं दिया, तो इसे मृत घोषित कर दिया जाएगा, जो कि लाल ग्रह पर भेजे गए इस मेहनत पर पानी फिर जाएगा। नासा ने अपने रोवर का अंतिम संपर्क पिछले साल 10 जून को देखा था।
इंजीनियरों का मानना है कि तूफान की वजह से हो सकता है कि इसकी आंतरिक घड़ी में खराबी हो गई है। नासा ने कहा है कि वे अपने सबसे प्यारे रोवर को को खोना नहीं चाहते हैं और उन्हें दुख हो रहा है कि वे इससे संपर्क नहीं साध पा रहे हैं।
नासा ने अपॉर्चुनिटी रोवर' 2004 में मंगल ग्रह पर उतरा था और यह लाल ग्रह के अतीत के बारे में काफी खोज कर चुका है। गौरतलब है कि अपॉर्चुनिटी के अलावा नासा का ही क्यूरोसिटी रोवर भी मंगल ग्रह के वातावरण और सतह की जांच कर रहा है। हाल ही में इस रोवर ने मंगल की चट्टानों के कुछ नमूने इकट्ठा किए थे और इनका परीक्षण भी किया था। यह रोवर अगस्त साल 2012 में मंगल पर पहुंचा था।