NASA ने रद्द की महिलाओं की स्पेसवॉक, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह
नई दिल्ली। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का पहली बार दो महिलाओं को स्पेसवॉक कराने का मिशन फिलहाल रद्द कर दिया गया है। नासा का कहना है कि उसके पास महिला एस्ट्रोनॉट्स की फिटिंग के पर्याप्त स्पेससूट मौजूद नहीं हैं। ऐसे में आउटरवियर की कमी के चलते यह मिशन बदला जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्पेसवॉक की योजना को आगे बढ़ाया जाएगा। नासा की अंतरिक्ष यात्री एने मैकक्लेन और क्रिस्टीना कोच को केंद्र की एक सौर व्यूह रचना पर शक्तिशाली लिथियम आयन बैटरियां लगाने के लिए 29 मार्च को यह ऐतिहासिक स्पेसवॉक करना था।
अंतरिक्ष केंद्र के 1998 में तैयार होने के बाद से अब तक 214 स्पेसवॉक हो चुके हैं। इन प्रत्येक स्पेसवॉक में कम से कम एक पुरुष अंतरिक्ष यात्री जरूर रहा है। हालांकि 22 मार्च को मैकक्लेन के पहला स्पेसवॉक करने के बाद उन्होंने महसूस किया कि उन्हें मध्यम आकार का स्पेससूट (अंतरिक्ष में पहने जाने वाली पोशाक) सबसे फिट आता है। नासा ने एक बयान में बताया कि 29 मार्च तक केवल एक ही ऐसा स्पेससूट तैयार हो पाएगा जिसे कोच पहनेंगी। मैकक्लेन अब सोमवार आठ अप्रैल को अपना अगला स्पेसवॉक करेंगी जहां उनके साथ कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी के अंतरिक्ष यात्री डेविड सेंट जैक होंगे। स्पेसवॉक अंतरिक्ष यान के बाहर की जाने वाली किसी भी गतिविधि को कहा जाता है।
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मैकक्लेन और कोश का स्पेसवॉक सात घंटे रखी गई थी। दोनों 2013 के एस्ट्रोनॉट क्लास का हिस्सा थीं। इसमें आधे से ज्यादा महिलाएं थीं। इस दौरान नासा को एस्ट्रोनॉट्स के लिए दूसरी बार सबसे ज्यादा आवेदन (6100) मिले थे। नासा में 50% फ्लाइट डायरेक्टर्स महिलाएं हैं।