ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से मोदी ने कहा, आतंकवाद नहीं करेंगे बर्दाश्त
मंजूरी
नहीं
आतंकवाद
नरेंद्र
मोदी
ने
साथ
ही
यह
भी
कहा
कि
वह
संयुक्त
राष्ट्र
संघ
की
ओर
से
आतंकवाद
पर
तैयार
समग्र
संधि
के
मसौदे
को
भी
जल्द
मंजूरी
दिए
जाने
के
पक्ष
में
हैं।
मोदी
ने
यह
बातें
ब्रिक्स
शिखर
सम्मेलन
के
पहले
दिन
कहीं।
गौरतलब है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ हुई मुलाकात में भी नरेंद्र मोदी की ओर से सीमा विवाद का मुद्दा उठाया गया था।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि आतंकवाद, चाहे वह किसी भी रूप या आकार में हो, मानवता के विरूद्ध है। आतंकवाद को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिये।
उन्होंने ब्रिक्स देशों से अपील की कि सभी देशों को एकजुट होना चाहिये और आतंकवादी ताकतों, विशेषकर उन देशों को अलग-थलग कर देना चाहिये, जो बुनियादी नियमों की अवहेलना करते हैं। सिर्फ आतंकवाद पर निशाना साधने से बात नहीं बनेगी।
मोदी ने कहा कि ब्रिक्स को हमारे राजनीतिक संकल्प को ठोस और समन्वित कार्ययोजना में परिवर्तित करना चाहिये। साथ ही उन्होंने उन सभी देशों पर सामूहिक दबाव बनाना चाहिये कि वे आतंकवादियों को पनाह और समर्थन नहीं दें।
अफगानिस्तान
और
इराक
का
जिक्र
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
के
मुताबिक
ब्रिक्स
शिखर
सम्मेलन
के
दौरान
उन
सबकी
मुलाकात
एक
ऐसे
समय
में
हो
रही
है,
जब
दुनिया
बेहद
उथल-पुथल
और
अनिश्चितता
के
दौर
से
गुजर
रही
है।
वैश्विक आर्थिक कमजोरियां भी बरकरार हैं।ऐसे में वैश्विक प्रगति और समृद्धि के लिये शांति और स्थिरता का वातावरण तत्काल बहाल करना आवश्यक है।
साथ ही नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान से लेकर अफ्रीका तक जारी हालातों का जिक्र भी किया। मोदी ने कहा कि इन क्षेत्रों में मौजूद उथल-पुथल की वजह से दुनियाभर में बेहद अस्थिरता व्याप्त हो रही है जिसका सीमाओं से पार तेजी से प्रसार हो रहा है।
इसका असर भारत पर भी पड़ रहा है। मोदी ने इस दौरान अफगानिस्तान के पुर्ननिर्माण में आगे आने के लिए ब्रिक्स देशों से अपील की।
पश्चिम एशिया के हालात, क्षेत्रीय और वैश्विक शांति तथा सुरक्षा के समक्ष बड़ी चुनौती पेश करते हैं। भारत इस से विशेष रूप से चिंतित है क्योंकि इसका असर खाड़ी क्षेत्र में रहने वाले 70 लाख भारतीय नागरिकों पर पड़ता है।
हमें पता लगाना चाहिये कि ब्रिक्स सदस्य देश कैसे मिलकर इराक में संघर्ष समाप्त कराने में सहायक बन सकते हैं।
साइबर
सिक्योरिटी
भी
चिंता
का
विषय
नरेंद्र
मोदी
ने
इस
शिखर
सम्मेलन
के
दौरान
साइबर
सिक्योरिटी
का
भी
जिक्र
किया।
उन्होंने
कहा
कि
साइबर
स्पेस
जहां
एक
ओर
बड़ा
अवसर
है,
वहीं
दूसरी
ओर
साइबर
सुरक्षा,
चिंता
का
बहुत
बड़ा
विषय
है।
ब्रिक्स देशों को साइबर स्पेस के संरक्षण में अग्रिम भूमिका निभानी चाहिये। मुझे इस बात की खुशी है कि हम अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के माध्यम से इस संबंध में सहयोग कर रहे हैं।