350 हाथियों की रहस्यमयी मौत ने विशेषज्ञों को किया हैरान-परेशान, जलाशय के पानी की होगी जांच
नई दिल्ली। सदर्न अफ्रीकी देश बोत्सवाना में पिछले दो महीने की अवधि में 350 से अधिक हाथियों की रहस्यमयी मौतों ने वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को हैरान-परेशान कर दिया है। बोत्सवाना के जंगलों में हर तरफ अफ्रीकी हाथियों के शव जमीन पर पड़े हुए हैं, कई स्थान पर सिर्फ उनका ढांचा ही बचा है। इतनी बड़ी संख्या में और इतने कम समय में हाथियों की मौत होने की वजह का पता लगाया जा रहा है, हैरानी की बात यह है कि हाथियों के शव पर किसी प्रकार के घाव नहीं हैं जिससे उनकी मौत का कारण अवैध शिकार की ओर इशारा करे।
350 से अधिक हाथियों की रहस्यमयी मौत
शुरुआती रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने हाथियों की मौत को सुरक्षा आपदा बताया है, मई में हाथियों की मौत के पहले समूह का पता चला था जिसके बाद से वन्य जीव वैज्ञानिक जानवरों की मौत की वजह का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। मई में लगभग 165 हाथियों के शव पाए गए थे, जिनकी मई में रहस्यमय तरीके से मौत हो गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक हाथियों की मौत लगातार बढ़ रही है, जून मध्य तक यह संख्या दोगुनी हो गई। शोधकर्ताओं ने पाया है कि अधिकतर मौतें जलाशय के पास हुई हैं।
Around 500 elephants have died in Botswana in last few days. Described as a ‘conservation disaster’ in which elephants are dying mysteriously in clusters. Tragic. https://t.co/ZcGKM5zonK pic.twitter.com/GgQtw4mtBA
— Parveen Kaswan, IFS (@ParveenKaswan) July 2, 2020
प्राकृतिक रूप से इतने हाथियों की मौत बड़ी घटना
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया से बात करते हुए डायरेक्टर ऑफ कंजर्वेशन एट नेशनल पार्क रेस्क्यू डॉक्टर नील मैकेन ने गार्जियन बताते हैं कि इतनी बड़ी संख्या में प्राकृतिक रूप से हाथियों की मौत चिंता का विषय है क्योंकि इससे पहले ऐसी घटना कभी नहीं हुई है। हालांकि कई बार सूखे के दौरान हाथियों या कई अन्य जानवरों की बड़ी संख्या में मौत की घटना हुई है लेकिन अभी तो बोत्सवाना में पानी मौजूद है। हाथियों की मौत की वजह सूखा नहीं हो सकती।
पानी के नमूनों का परीक्षण अभी नहीं हुआ
मिली जानकारी के मुताबिक बोत्सवाना सरकार ने खुलासा किया है कि जिस पानी के स्त्रोत के पास हाथियों की मौत हुई है उसके नमूनों का परीक्षण अभी नहीं किया गया है। इसलिए अभी यह स्पष्ट नहीं कहा जा सकता कि इतने बड़े पैमाने पर हाथियों की मौत क्यों और कैसे हुई। वहीं, स्थानीय लोगों का दावा है कि हाथियों को उनकी मौत से पहले जंगल में घूमते हुए देखा गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह व्यवहार न्यूरोलॉजिकल दुर्बलता का संकेत है।
बोत्सवाना में है हाथियों की एक तिहाई आबादी
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि रिपोर्ट में इस बात को भी खारिज किया गया है कि हाथियों की मौत एंथ्रेक्स (जानवरों में एक तरह का संक्रमण) या इंसानों द्वारा दिए गए जहर से हुई है। बता दें कि अक्सर बोत्सवाना के इस हिस्से में वन्यजीवों का शिकार किया जाता है। क्षेत्रीय वन्यजीव समन्वयक दीमाकात्सो नत्शेबे ने कहा कि हम अभी भी हाथियों की मौत के असल कारणों की जांच कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अफ्रीका की घटती हाथियों की आबादी का एक तिहाई हिस्सा बोत्सवाना में रहता है।
मृत हाथियों की संख्या बढ़ सकती है
नील मैकेन ने कहा कि हाथियों का शव देखने पर पता चलता है कि वह मौत के समय सीधे चेहरे के बल जमीन पर गिरे हैं, जो यह दर्शाता है कि उनकी अचानक व बहुत जल्दी मौत हो गई। जबकि अन्य शवों से पता चलता है कि वह धीरे-धीरे मरे हैं। अधिकारियों और विशेषज्ञों का मानना है कि मृत हाथियों की वास्तविक संख्या अधिक हो सकती है, क्योंकि शवों को स्पॉट करना मुश्किल है।
रहस्यमय बीमारी से हुई हाथियों की मौत?
वहीं, कुछ अधिकारियों का कहना है कि पानी के स्त्रोत में साइनाइड विषाक्तता मिलाया गया होगा जो आमतौर पर जिम्बाब्वे में शिकारियों द्वारा उपयोग किया जाता है। हालांकि इस बात पर यकीन करना इसलिए भी मुश्किल है क्योंकि अगर पानी में जहर था तो हाथियों के अलावा अन्य जीवों की मौत क्यों नहीं हुई, उन्होंने ने भी उस पानी को पिया होगा। जंगल में दूसरे जानवरों की मौत के कोई निशान नहीं हैं। ऐसे में हाथियों की मौत के पीछे किसी तरह की रहस्यमय बीमारी को लेकर भी आशंका जताई जा रही है।
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