Myanmar: तख्तापलट करने वाली सेना सोशल मीडिया से डरी, फेसबुक समेत कई प्लेटफॉर्म किए बंद
Myanmar Blocked Facebook: यंगून। म्यांमार में तख्तापलट के बाद अब सेना विरोध प्रदर्शन को दबाने में लग गई है। सेना ने इसके लिए सबसे पहला काम फेसबुक और दूसरी मैसेजिंग सेवाओं को बंद करके किया है ताकि किसी तरह से लोग सोशल मीडिया पर एकजुटता न जाहिर कर सकें। सेना ने इसके लिए स्थिरता का हवाला दिया है।
म्यांमार में लोकतंत्र के पैर जमाने की कोशिशों को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब सेना ने तख्तापलट करते हुए निर्वाचित नेता और नोबल पुरस्कार विजेता आंग सांन सू की को गिरफ्तार कर सैन्य शासन लागू कर दिया था। सैन्य शासन ने सू की को 15 फरवरी तक हिरासत में रखने की बात कही है। अमेरिका और कनाडा जैसे देशों समेत दुनिया की जानी-मानी हस्तियों ने इस कदम की आलोचना की थी। भारत में किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट करने वाली गायिका रिहाना ने भी तख्तापलट की आलोचना की थी।
सू
की
पर
मामला
दर्ज
गुरुवार
को
म्यांमार
की
सेना
ने
फेसबुक
और
मैसेजिंग
सेवाओं
को
बंद
करने
का
कदम
ऐसे
समय
उठाया
है
जब
म्यांमार
की
पुलिस
ने
लोकतंत्र
समर्थक
नेता
आंग
सांन
सू
की
पर
मामला
दर्ज
किया
है
जिसमें
उनके
ऊपर
विदेशों
से
अवैध
रूप
से
संचार
उपकरण
आयात
करने
की
बात
कही
गई
है।
इस
बीच
म्यांमार
के
सैन्य
शासन
पर
नवम्बर
में
आंग
सांग
सू
की
के
चुनाव
जीतने
को
स्वीकार
करने
को
लेकर
अंतरराष्ट्रीय
दबाव
बढ़ता
जा
रहा
है।
बीते साल नवम्बर में हुए चुनावों में आंग सांग सू की पार्टी ने भारी बहुत हासिल किया था लेकिन सेना ने इन चुनावों में धांधली का आरोप लगाया है। इसके पहले भी आंग सांन सू की को विदेशी व्यक्ति से शादी करने के चलते राष्ट्रपति बनने पर रोक लगा दी गई थी।
7
फरवरी
तक
किया
गया
बंद
म्यांमार
में
फेसबुक
देश
के
ज्यादातर
हिस्से
में
प्रमुख
सोशल
मीडिया
प्लेटफॉर्म
है।
सैन्य
तख्तापलट
का
फेसबुक
पर
लोग
बहुत
मजबूती
से
विरोध
कर
रहे
थे
जिसके
चलते
सेना
को
डर
है
कि
कहीं
इसके
चलते
बड़ी
संख्या
में
लोग
सड़कों
पर
न
उतर
जाएं।
बुधवार
की
तख्तापलट
की
दूसरी
रात
भी
राजधानी
यंगून
में
दूसरे
शहरों
में
बड़ी
संख्या
में
लोगों
ने
निकलकर
थालियां
और
प्लेट
बजाई।
कई
जगहों
पर
युवाओं
ने
सड़क
पर
कार
निकालकर
देर
तक
हॉर्न
बजाते
रहे।
म्यांमार के संचार और सूचना मंत्रालय ने बताया है कि फेसबुक को 7 फरवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है। फेसबुक में 5.3 करोड़ फेसबुक यूजर हैं जो कि देश की आबादी का लगभग आधा हैं।
मंत्रालय ने बयान में कहा है कि "वर्तमान में कुछ लोग देश की स्थिरता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। ये लोग फेक न्यूज और गलत जानकारी फैलाकर लोगों के बीच गलतफहमी बना रहे हैं।"
म्यांमार में तख्तापलट के बाद आंग सान सू की के खिलाफ शुरू हुई ये कार्रवाई