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म्यांमार में हालात Out of Control, मदद के लिए मोदी-मोदी कर रहे हैं प्रदर्शनकारी

म्यांमार में मिलिट्री ने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी है। जिसके बाद अब प्रदर्शनकारियों ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी से मदद मांगनी शुरू कर दी है।

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नई दिल्ली/नेपीडाव: म्यांमार में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं और अब स्थिति ये हो गई है कि म्यांमार की सेना और पुलिस लोगों को सीधे गोली मार रही है। प्रदर्शनकारियों की पहचान कर उन्हें रात में सोते वक्त उठा लिया जाता है जिसके बाद कई प्रदर्शनकारी जान से मारे जाने के डर से भारत में शरण लेना शुरू कर दिया है। म्यांमार की सरकार को पलट देने वाली सेना पर इंटरनेशनल प्रेशर का भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा है और वो सीधे सीधे लोगों को गोली मार रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार में सेना ने अब तक 50 से ज्यादा लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी है तो 2 हजार से ज्यादा लोग अभी तक गिरफ्तार किए जा चुके हैं। गिरफ्तार किए गये लोगों में म्यांमार के दर्जनों नेता, पत्रकार, एक्टर और मानवाधिकार कर्यकर्ता शामिल हैं।

जान बचाकर भारत भागते लोग

जान बचाकर भारत भागते लोग

म्यांमार में सेना ने सरकार का तख्तापलट कर रखा है और पिछले महीने एक फरवरी को सैन्य तख्तापलट के बाद लगातार सेना के खिलाफ लोग सड़कों पर हैं। पहले तो लोगों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर सेना चुप रही मगर अब सेना ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ फायरिंग करना शुरू कर दिया है। लोगों के ऊपर खुलेआम गोलियां चलाई जा रही हैं उनके ऊपर आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों पर लाठियां भांजी जा रही है और भीड़ को भगाने के लिए सेना हर वो कदम उठा रही है, जो इंसानियत और किसी भी देश की डेमोक्रेसी के खिलाफ है।

रिपोर्ट के मुताबिक हजारों लोग अभी तक म्यांमार की जेलों में ठूंसे जा चुके हैं जिसके बाद प्रदर्शनकारी सेना की डर से भारत भागने लगे हैं। भारतीय अधिकारियों के मुताबिक अभी तक 50 से ज्यादा प्रदर्शनकारी भागकर भारत आ चुके हैं। म्यांमार के लोग भागकर मिजोरम आ रहे हैं। मिजोरम में भारतीय अधिकारियों के मुताबिक म्यांमार से भागकर भारत आने वाले लोगों को एक सामुदायिक भवन में ठहराया गया है। वहीं, जिला प्रशासन की तरफ से म्यांमार के प्रदर्शनकारियों के लिए खाने पीने का भी इंतजाम किया गया है। हालांकि, अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है कि क्या म्यांमार के कुछ पुलिसकर्मी भी भागकर भारत आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सौ से ज्यादा लोग म्यांमार सीमा पर भारत में प्रवेश के लिए इंतजार कर रहे हैं।

मोदी से मदद की मांग

मोदी से मदद की मांग

म्यांमार से भागकर भारत आने वाले प्रदर्शनकारी भारत के प्रधानमंत्री मोदी से मदद मांग रहे हैं। नई दिल्ली में म्यांमार के रिफ्यूजी हाथों में बैनर लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मदद मांग रहे हैं। प्रदर्शनकारियों की अपील है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी म्यांमार में सेना की कार्रवाई में दखल दें और म्यांमार में सेना जो खूनी खेल खेल रही है उससे जनता को मुक्ति दिलवाएं। संयुक्त राष्ट्र में म्यांमार के स्थायी प्रतिनिधि क्रिस्टीन श्रानेर बर्गनर ने दुनिया के सभी देशों से म्यांमार में दखल देते हुए म्यांमार को सेना की बर्बरता से आजादी दिलाने की मांग की है। उन्होंने UN में सदस्य देशों से अपील करते हुए कहा है कि म्यांमार में तत्कार सामूहिक कार्रवाई किए जाने की जरूरत है। उन्होंने म्यांमार सेना द्वारा हिंसा किए जाने पर सवाल पूछते हुए कहा कि दुनिया आखिर कब तक म्यांमार सेना पर चुप रहेगी और म्यांमार की सेना को कितना आगे तक जाने की इजाजत दी जाएगी। यूनाइटेड नेशंस में म्यांमार के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा है कि म्यांमार में अभी तक 50 से ज्यादा बेगुनाह लोगों की हत्या सेना कर चुकी है और अगर जल्द कुछ नहीं किया गया तो सैकड़ों लोगों की हत्या और की जाएगी। उन्होंने कहा कि म्यांमार सेना की कार्रवाई में सैकड़ों लोग घायल हो चुके हैं।

म्यांमार सेना ने भारत को लिखी चिट्ठी

म्यांमार सेना ने भारत को लिखी चिट्ठी

उधर, म्यांमार के प्रदर्शनकारियों के भारत भागने की घटना के बाद म्यांमार सेना ने भारत सरकार को चिट्ठी लिखी है। इस खत में म्यांमार सेना ने भारत और म्यांमार के बीच 'दोस्ताना संबंध' का हवाला दिया गया है। म्यांमार सेना के लिखे खत में उन आठ पुलिसकर्मियों को वापस म्यांमार के हवाले कर देने की अपील की गई है, जिनपर भारत भागने का शक है। म्यांमार सेना ने लिखा है कि भारत सरकार भारत में शरण लेने पहुंचे आठ पुलिसकर्मियों को हिरासत में लेकर म्यांमार सैनिकों के हवाले कर दे। म्यांमार सेना के मुताबिक इन पुलिसवालों ने म्यांमार सेना के आदेशों का उल्लंघन किया है। खत में म्यांमार सेना कहा है कि 'दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध कायम रहे, इसीलिए आपसे गुजारिश है कि जो आठ पुलिसकर्मी आपके देश में पहुंचे हैं, उन्हें म्यांमार को सौंप दिया जाए।' वहीं भारत सरकार की तरफ से पुलिसकर्मियों के भारत भागने की पुष्टि नहीं की गई है।

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English summary
In Myanmar, the military has opened fire on the protesters. After which now the protesters have started asking for help from the Prime Minister of India, Modi.
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