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रमजान के माह में चीन के शिनजियांग प्रांत में हो रही मुसलमानों की जासूसी

चीन ने शिनजियांग प्रांत में रमजान माह में मुसलमानों के खिलाफ छेड़े अभियान को और तेज करने का फैसला कर लिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन में अल्‍पसंख्‍यक मुसलमान समुदाय पर और आक्रामक तरीके से नजर रखी जा रही है।

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बीजिंग। चीन ने शिनजियांग प्रांत में रमजान माह में मुसलमानों के खिलाफ छेड़े अभियान को और तेज करने का फैसला कर लिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन में अल्‍पसंख्‍यक मुसलमान समुदाय पर और आक्रामक तरीके से नजर रखी जा रही है। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि हजारों मुसलमानों को रि-एजुकेशन कैंप में हिरासत में रखा गया है। कम्‍युनिस्‍ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के हजारों कैडर्स को इस बात की जिम्‍मेदारी दी गई है कि वह शिनजियांग प्रांत में रह उइगर मुसलमान समुदाय के घरों में रुकने का काम दिया गया है। इस समय शिनजियांग उइगर ऑटोनॉमस रीजन में इस काम को एक स्‍कीम के तहत पूरा किया जा रहा है। स्‍कीम का मकसद समाजिक स्‍थायित्‍व की सुरक्षा करना बताया जा रहा है।

हर समय रखी जा रही है नजर

हर समय रखी जा रही है नजर

ह्यूमन राइट्स वॉच की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कैडर्स जब घरों का दौरा करेंगे तो परिवार को उनकी जिंदगी के अलावा राजनीतिक सोच से जुड़ी कई अहम जानकारियां मुहैया करानी होगी। चीन में ह्यूमन राइट्स की रिसर्चर माया वांग कहती हैं शिनजियांग में बसे मुसलमानों परिवार को अब हर पल जासूसी करती आंखों के नीचे खाना खाने और सोने को मजबूर होना पड़ा रहा है और वह भी अपने ही घरों में। हालांकि चीन में 'होमस्‍टे' के जरिए नजरबंदी का आदेश नया नहीं है और कई बार ऐसा हो चुका है।

साल 2014 से ही जासूसी के काम में तेजी

साल 2014 से ही जासूसी के काम में तेजी

साल 2014 से शिनजियांग में अथॉरिटीज ने सरकारी एजेंसियों, प्रांतों की संस्‍थाओं और सार्वजनिक संस्‍थाओं से करीब 200,000 कैडर्स को भेजा जा चुका है। अथॉरिटीज का कहना है कि इस पहल को 'फांघूइजू' नाम दिया गया है। इसका मतलब होता है लोगों से मिलना, उन्‍हें फायदा पहुंचना और लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाना। इस पहल की शुरुआत मुख्‍य रूप से सामाजिक स्‍थायित्‍व की सुरक्षा करना है।

पुरुषों को रि-एजुकेशन सेंटर में रोका गया

पुरुषों को रि-एजुकेशन सेंटर में रोका गया

पूरे प्रांत में बड़े पैमाने पर सर्विलांस जारी है और इसके तहत मुसलमान समुदाय के कई पुरुषों को भी री-एजुकेशन सेंटर में रोका गया है। जर्मनी के यूरोपियन स्‍कूल ऑफ कल्‍चर एंड थियोलॉजी की ओर से जारी रिपोर्ट में यह बात कही गई है। वहीं जब चीन के विदेश मंत्रालय से इस बाबत सवाल पूछा गया तो मंत्रालय ने जवाब दिया कि उसे इस बारे में कुछ नहीं मालूम है।

इस्‍लामिक नामों और कपड़ों पर सख्‍ती

इस्‍लामिक नामों और कपड़ों पर सख्‍ती

चीन की सरकार हमेशा से शिनजियांग प्रां‍त में सरकारी ऑफिसों और पुलिस स्‍टेशनों को निशाना बनाकर किए गए हमलों के लिए इस्‍लामिक चरमपंथ को दोष देती आई है। सिर्फ इतना ही नहीं अथॉरिटीज ने मुसलमानों पर कई तरह के प्रतिबंध भी शिनजियांग प्रांत में लगाए हैं जिनमें इलेक्‍ट्रॉनिक सर्विलांस में फेशियल रिक्‍ग्‍निशन भी शामिल है। इसके अलावा कुछ खास तरह के कपड़ों जैसे बुर्के को बैन कर दिया गया है। इसके अलावा पुरुषों को दाढ़ी रखने पर भी रोक लगा दी गई है। इसके अलावा सद्दाम और मदीना जैसे नामों को भी बैन कर दिया गया है।

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English summary
Muslims in China province detained in re-education camps in the month of Ramzan.
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