मुस्लिम महिलाओं का शोषण करने के लिए ये तरीके अपनाता है चीन, पीड़िताओं ने सुनाई आपबीती
बीजिंग। चीन में अल्पसंख्यक मुस्लिमों के साथ होने वाला अन्याय किसी से नहीं छिपा है। वहां मानवाधिकारों को तार तार कर देने वाली घटनाएं रोजाना होती हैं। चीन को इसके लिए ना केवल अमेरिका बल्कि पूरा अंतरराष्ट्रीय समुदाय फटकार भी लगा चुका है। लेकिन वो इसे अपना आंतरिक मामला बताकर सबको शांत कर देता है।
अभी तक ये बात तो हर कोई जानता है कि चीन शिनजियांग प्रांत में रहने वाले मुस्लिमों में से करीब 10 लाख को यातना गृहों में डाल चुका है। इन्हें बिना किसी वजह के कैद किया गया है। जहां इनके साथ बेहद क्रूर व्यवहार किया जाता है। ये यातना गृह इतनी सुरक्षा के बीच बनाए गए हैं, कि यहां एक चिड़िया तक नहीं आ सकती।
हालांकि कुछ विदेशी मीडिया संस्थानों ने यहां आने की कोशिश की है। लेकिन उनके साथ भी इस दौरान कई चीनी अधिकारी मौजूद रहे। कुछ ऐसी मुस्लिम महिलाएं भी हैं, जो यहां से भागने में कामियाब रही हैं। अपनी जान बचाकर भागी इन महिलाओं ने कई समाचार वेबसाइट के साथ बातचीत में अपनी आपबीती सुनाई है। जो कुछ भी इन्होंने बताया है, उसे जानकर हर कोई हैरान है।
जबरन गर्भपात
यहां से भागी एक महिला ने बताया है कि किस प्रकार उसका एक बार नहीं बल्कि कई बार गर्भपात करवाया गया था। जब वो यहां से भागने में सफल हुई तो उसने चीन में रह रहे अपने बाकी रिश्तेदारों से बातचीत की। तब उसे पता चला कि ये सब चीन में आज भी जारी है और उनके साथ भी ये सब किया जा रहा है।
यातना गृह में बलात्कार
यातना गृह में रह चुकी है एक महिला का कहना है कि वहां के गार्ड महिलाओं के साथ बलात्कार करते हैं। जब भी कोई महिला यातना गृह में जाती है, तो ये अनुमान लगा पाना काफी मुश्किल होता है, कि वह वहां से बचकर आ भी पाएगी या फिर नहीं। नहाते वक्त महिलाओं की वीडियो तक बनाई जाती हैं।
लाल मिर्च का इस्तेमाल
चीन से भागी एक मुस्लिम कहती है कि यातना गृह में महिलाओं के निजी अंगों पर जबरन लाल मिर्च लगाई जाती है। महिलाओं को परेशान करने के लिए एक पानी के गिलास में लाल मिर्च मिला दी जाती है, और उन्हें पिलाया जाता है। कोई सोच भी नहीं सकता कि चीन शोषण के लिए लाल मिर्च का भी इस तरह से इस्तेमाल करता होगा।
प्रजनन क्षमता को खत्म करना
यहां ना केवल यातना गृहों बल्कि मुस्लिम इलाकों में भी वो सभी तरीके अपनाए जाते हैं, जिससे महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर अंकुश लग सके। इन लोगों की संख्या को कम करने के लिए चीन कई तरीके आजमाता है। एक महिला कहती है कि वह अपने रिश्तेदारों से मिलने कजाकिस्तान गई थी। वापस चीन आई तो उसकी जांच की गई, पता चला वो 10 हफ्ते की गर्भवती है। बिना उसकी मर्जी के उसका गर्भपात कराया गया। वो भी अमानवीय तरीके से, जिसकी सजा वो आज तक भुगत रही है।
व्हाट्सएप के मिलने पर जेल
चीन में उन सोशल मीडिया एप पर प्रतिबंध लगा हुआ है, जो पश्चिम की कंपनियों के हैं। यहां दिसंबर 2017 में गुल्जिरा मोगदन नामक 38 साल की महिला को जेल में डाल दिया गया था। वो कजाकिस्तान से लौटी थी। उसे जेल में डालने के पीछे की वजह थी, उसके फोन में मिला व्हाट्सएप। कैद में रखे जाने के बाद उसकी जांच कराई गई, जब पता चला कि वो गर्भवती है, तो उसका गर्भपात तक करा दिया गया। दरअसल चीन में उइगर मुस्लिमों के अलावा कुछ मुस्लिम ऐसे भी हैं, जिनके पास चीनी नागरिकता है, लेकिन उनके पूर्वज कजाकिस्तान के रहने वाले हैं।
मुस्लिमों को खत्म करना
चीन से भागी एक मुस्लिम महिला कहती है कि चीन का एकमात्र उद्देश्य मुस्लिमों का सफाया करना है। उसने 10 लाख से भी अधिक मुस्लिमों को यातना गृह में रखा हुआ है। वहां गर्भपात, प्रजनन क्षमता कम करने के लिए सभी उपाय करना और बलात्कार करना तक शामिल है। चीन इसके पीछे की वजह बताते हुए कहता है कि ये यातना गृह नहीं हैं बल्कि प्रशिक्षण केंद्र हैं और वह आतंकवाद से लड़ने के लिए ऐसा कर रहा है।
कई के अपने हिरासत में
चीन से कई लोग अपनी जान बचाकर ईरान, कजाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में शरण ले चुके हैं। इनका कहना है कि ये तो बचने में कामियाब रहे लेकिन इनके कई अपने आज भी चीन के कब्जे में हैं। कई बच्चों ने सालों से अपने माता-पिता को नहीं देखा, तो किसी ने अपने बच्चे या किसी अन्य रिश्तेदार को सालों से नहीं देखा। वो ना तो उनसे फोन पर संपर्क कर सकते हैं और ना ही किसी और तरीके से। अधिकतर को शक है कि उनके अपनों को यातना गृहों में डाल दिया गया है।
मुस्लिम संस्कृति को खत्म करना
शिनजियांग प्रांत में मुस्लिम संस्कृति को खत्म करने के लिए चीनी सरकार एक अभियान चला रही है। अमेरिका ने भी हाल में चीन को लताड़ लगाते हुए कहा है कि वह मुस्लिमों के साथ अन्याय करना बंद कर दे। अमेरिका ने उइगर मुस्लिमों के शोषण से जुड़े 28 संस्थानों पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही अमेरिका ने उन चीनी अधिकारियों और नेताओं के वीजा पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, जो उइगर मुस्लिमों के शोषण में शामिल रहे हैं।
शिवसेना
के
26
पार्षदों
और
300
कार्यकर्ताओं
ने
दिया
इस्तीफा,
बताई
ये
वजह