इस वजह से मां ने अपने ही बेटे को 28 साल तक रखा कैद, 41 साल के पीड़ित व्यक्ति की अब हो गई ऐसी हालत
स्वीडन। दुनियाभर में ऐसे कई मामले सामने आते हैं, जिनमें किसी शख्स को परेशानी में डालने वाला या उसके साथ अमानवीय व्यवहार करने वाला इंसान कोई और नहीं बल्कि उसका अपना ही होता है। जब इस तरह के मामलों में कोई माता या फिर पिता दोषी पाए जाते हैं, तो हर कोई हैरान रह जाता है। ऐसा ही एक मामला यूरोपीय देश स्वीडन से भी सामने आया है। जहां एक मां को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसपर आरोप है कि उसने अपने ही बेटे को पिछले 28 साल से फ्लैट में कैद करके रखा हुआ था।
अब 41 साल का है पीड़ित शख्स
महज 12 साल की उम्र में ही महिला ने बेटे को कैद कर दिया था, जो अब 41 साल का हो चुका है। स्कॉटहोम में स्थित एक फ्लैट में बंद इस व्यक्ति को एक रिश्तेदार की मदद से रविवार को बाहर निकाला गया है। रिश्तेदार को शक था कि फ्लैट में कुछ तो गलत हो रहा है, इसके बाद उसने दरवाजा तोड़ा तो उसे पीड़ित शख्स अंदर बंद मिला। बाद में उसने इलाज के लिए डॉक्टरों को फोन किया। स्वीडिश मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये पीड़ित व्यक्ति कुपोषण का शिकार हो गया है, उसके पैरों पर घाव पाए गए हैं, मुंह में दांत नहीं बचे हैं और ना तो वह चल पा रहा है और ना ही कुछ बोल पा रहा है।
12 साल की उम्र में स्कूल से निकलवाया
पीड़ित को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी सर्जरी की गई। हालांकि अब वो खतरे से बाहर है। अस्पताल की ओर से पुलिस को फोन किया गया है, जिसके बाद पुलिस ने मामले में जांच शुरू की और पीड़ित की मां को गिरफ्तार किया गया। बंद फ्लैट से अधिकारियों ने मंगलवार को सबूत एकत्रित किए हैं। एक्सप्रेसन रिपोर्ट के अनुसार, महिला ने साल 1984 में 12 साल की उम्र में ही अपने बेटे को स्कूल से निकाल लिया था। यहां आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि ये महिला अपने बेटे को लेकर जरूरत से ज्यादा रक्षात्मक है। ऐसा इसलिए क्योंकि बेटे को कैद करने से कुछ साल पहले उसके परिवार में कोई घटना घटित हो गई थी।
महिला ने सबसे छिपाकर रखी बातें
पड़ोसियों का कहना है कि इस फ्लैट की हालत काफी खराब है और आरोपी महिला बीते 30 साल से फ्लैट की एक खिड़की पर मोमबत्ती जलाकर रखती है। पड़ोसियों ने ये भी बताया कि इस महिला ने सार्वजनिक तौर पर लोगों से बात करना बंद कर दिया था। जब भी कोई उससे उसके बेटे के बारे में कुछ पूछता तो वो बोलने लगती कि वह ठीक है और बातचीत का विषय बदल देती। अधिकतर पड़ोसियों का कहना है कि पीड़ित शख्स तब तक घर में बंद रहा है, जब तक अधिकारी उसे बचाने फ्लैट तक नहीं पहुंचे।
बेहद खराब थी फ्लैट की हालत
जिस रिश्तेदार ने पीड़ित के बारे में पता लगाया और डॉक्टरों को फोन किया वह भी महिला है। उसे लंबे समय से आरोपी महिला पर शक था कि वह अपने बेटे की जिंदगी को नियंत्रित कर रही है। जब आरोपी मां अस्पताल में अपना इलाज कराने गई, तो रिश्तेदार महिला को फ्लैट तक जाने का मौका मिल गया। वहां उसने पीड़ित को रसोई में कंबल ओढे लेटे हुए पाया। रिश्तेदार महिला ने बताया कि फ्लैट में पेशाब और सड़े खाने की बदबू आ रही थी। इसे कई साल से साफ नहीं किया गया था।
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