एक मोस्ट हैंडसम प्राइम मिनिस्टर जिस पर लगा था पत्रकार को गलत तरीके से छूने का आरोप
नई दिल्ली। कनाडा में 21 अक्तूबर 2019 को आम चुनाव होना है। चुनाव प्रचार चल रहा है। लिबरल पार्टी के नेता और मौजूदा प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो फिर पीएम बनने के लिए चुनावी अखाड़े में हैं। इस बीच उनकी 18 साल पुरानी एक ऐसी तस्वीर सामने आयी है जिसे नस्लीय भेदभाव वाला करार दिया जा रहा है। इस तस्वीर में जस्टिन पगड़ी पहने हुए हैं और चेहरे पर काला मुखौटा लगाये हुए हैं। उनके साथ कई महिलाएं हैं। इस तस्वीर के लिए प्रधानमंत्री जस्टिन ने माफी मांग ली है लेकिन विरोधियों के हमले कम नहीं हो रहे हैं। चुनाव के इस दौर में उनसे जुड़े विवादों को हवा दी जा रही है। हाल ही में कनाडा में एक सर्वे हुआ है जिसमें जस्टिन की लिबरल पार्टी और उनकी विरोधी कंजरवेटिव पार्टी को 30-30 फीसदी लोगों ने अपना समर्थन दिया है। एक दूसरे सर्वे के मुताबिक जस्टिन ट्रूडो को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी खराब शासक माना गया है। जस्टिन की राजनीति राह वैसे ही मुश्किल है, ऊपर से पुराने विवाद जब तब उभर जा रहे हैं। कुछ समय पहले एक महिला पत्रकार को गलत तरीके से छूने का पुराना विवाद भी उछला था।
जस्टिन ट्रूडो का फोटो विवाद
जस्टिन ट्रूडो 2015 में कनाडा के प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए थे। इस मोस्ट हैंडसम पोलिटिशियन ने निराशा में डूबी हुई लिबरल पार्टी में एक नयी जान फूंकी थी। हालांकि फोटो विवाद पर उन्होंने कनाडा की जनता से माफी मांग ली है लेकिन राजनीति विरोधी इसका लाभ उठाने की कोशिश जारी रखे हुए हैं। मुख्य विपक्षी दल कंजरवेटिव पार्टी के नेता एंड्रू शीर ने कहा है कि ऐसे नेता को प्रधानमंत्री जैसे सम्मानित पद पर नहीं होना चाहिए। ग्रीन पार्टी की नेता एलिजाबेथ ने कहा है कि जस्टिन पीएम बनने के काबिल नहीं हैं। इस बार जस्टिन की लिबरल पार्टी और एंड्रू शीर की कंजरवेटिव पार्टी के बीच कड़े मुकाबला का अनुमान लगाया जा रहा है।
क्या है जस्टिन का फोटो विवाद?
चुनाव प्रचार शुरू होने के एक हफ्ता पहले टाइम मैगजीन ने जस्टिन से जुड़ा एक फोटो प्रकाशित किया था जो 18 साल पुराना है। उस समय जस्टिन की उम्र 28 साल थी। इस फोटो में जस्टिन चेहरे पर काला मुखौटा लगाये हुए हैं, पगड़ी पहने हुए हैं और कुछ महिलाओं के साथ खड़े हैं। इस तस्वीर में जस्टिन की गर्दन और हाथ पर भी काला रंग चढ़ा हुआ है। ये तस्वीर तब की है जब जस्टिन एक निजी स्कूल, वेस्ट प्वाइंट ग्रे एकेडमी में शिक्षक थे। इस स्कूल की साल 2000-01 की वार्षिक पुस्तिका में ये तस्वीर प्रकाशित की गयी थी। टाइम मैगजीन ने ठीक चुनाव प्रचार से पहले इस पुरानी तस्वीर को प्रकाशित कर एक नये विवाद को जन्म दे दिया। दरअसल उस समय स्कूल में टैलेंट हंट कार्यक्रम के तहत अरेबियन नाइट्स थीम पर एक शो आयोजित किया गया था जिसमें जस्टिन ने अलादीन का कैरेक्टर प्ले किया था। उनकी ये तस्वीर अलादीन के ड्रेस में है।
प्रधानमंत्री ने माफी मांगी
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो इस तस्वीर से उन पर नस्लवादी होने का आरोप लगने लगा। बात बढ़ने लगी तो उन्हें माफी मांगने के लिए एक प्रेंस कांफ्रेस बुलानी पड़ी। उन्होंने कहा कि यह मेरे युवावस्था की गलती है। कास मैंने ये गलती नहीं की होती। मैं इसके बहुत शर्मिंदा हूं। तब मुझे समझ नहीं आया था कि यह नस्ली भेदभाव वाला काम है। मुझे ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए थी। वैसे मैंने हमेशा नस्लवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी है।
प्रधानमंत्री का पुत्र होने के बाद भी बने बाउंसर
जस्टिन ट्रूडो के पिता पीयरे ट्रूडो भी कनाडा के प्रधानमंत्री रहे थे। वे चार बार कनाडा के प्रधानमंत्री चुने गये थे। जस्टिन अपने पिता की तरह राजनीति में तो आये लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष किया। यह भारतीय राजनीति की तरह वंशवाद नहीं था कि कोई पिता अपनी राजनीति विरासत पुत्र को सौंप देता है। जस्टिन किसी एक जगह रमने-जमने वाले इंसान नहीं रहे। प्रधानमंत्री का पुत्र होने के बाद भी उन्हें बहुत धक्के खाने पड़े। अंग्रेजी से ग्रेजुएशन के बाद शिक्षक बनने के लिए बैचलर ऑफ एजुकेशन में दाखिला लिया। लेकिन बीच में पढ़ाई छोड़ दी। एक नाइट क्लब में बाउंसर बन गये। उन्हें बॉडी बिल्डिंग का भी शौक था। कुछ दिनों के बाद यह काम भी छोड़ दिया। फिर से बीएड की पढ़ाई शुरू की। डिग्री लेने के बाद एक निजी विद्यालय, वेस्ट प्वाइंट ग्रे एकेडमी में शिक्षक बन गये।
महिला को गलत तरीके से छूने का आरोप
1998 में जस्टिन के भाई की हिमस्खलन की घटना में मौत हो गयी थी। कनाडा में बर्फबारी के दौरान अक्सर हिमस्खलन होता है। तब से जस्टिन हिमस्खलन पीडितों की सहायता के लिए चैरिटी प्रोग्राम करने लगे। सन 2000 में जस्टिन ने इसी तरह का एक चैरिटी प्रोग्राम आयोजित किया था। इस आयोजन का समाचार कवर करने के लिए महिला पत्रकार रोज नाइट भी पहुंची थीं। आरोप है कि इस कार्यक्रम में जस्टिन ने इस महिला पत्रकार को गलत तरीके से छूने की कोशिश की थी। महिला पत्रकार ने इसकी शिकायत तो नहीं की थी लेकिन अखबार ने संपादकीय लिख कर इस घटना की तरफ संकेत किया था। इसके बाद जस्टिन ने माफी मांग ली थी। 18 साल पुरानी बात किसी को याद भी नहीं थी। वैसे भी इसकी कोई बहुत चर्चा नहीं हुई थी क्योंकि जस्टिन तब राजनीति में नहीं आये थे। पिछले साल ये विवाद अचानक उभर गया।
प्रधानमंत्री की सफाई
2018 में प्रधानमंत्री के खिलाफ ये पुराना मामला अचानक सुर्खियों में आ गया। जिस महिला रिपोर्टर को गलत तरीके से छूने के आरोप था वह पत्रकारिता छोड़ चुकी थीं। लेकिन कनाडा की मीडिया ने उस महिला पत्रकार रोज नाइट को खोज निकाला। जब उनसे इस संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि न मैंने तब विवाद खड़ा करने की कोशिश की थी और न अब करना चाहती हूं। इसके बाद भी अगर ये मामला आगे बढ़ता है तो मैं इससे बिल्कुल अलग रहूंगी। कृपया मुझे अकेले छोड़ दीजिए। इस विवाद के उभरने पर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया था जिसे गलत तरीका से छूना कहा जाय। फिर भी अगर किसी को ऐसा लगता है तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं।
जस्टिन की राजनीतिक कामयाबी
जस्टिन ड्रूडो को कनाडा का सबसे हैंडसम और डैसिंग प्राइम मिनिस्टर माना जाता है। 2006 और 2010 के चुनाव में लिबरल पार्टी की लगातार हार हुई थी। पार्टी के तत्कालीन नेता माइकल इग्नियेटिक ने हताश हो कर 2011 में इस्तीफा दे दिया था। जस्टिन ट्रूडो राजनीति में तो आ चुके थे लेकिन तब बिल्कुल अनुभवहीन थे। 2008 में पहली बार सांसद चुने गये थे। तब पार्टी के कई नेताओं ने नौजवान जस्टिन पर भरोसा जताया लेकिन अधिकांश नेता उनकी नेतृत्व क्षमता को लेकर असमंजस में थे।
बॉक्सर जस्टिन की शर्टलेस तस्वीर
पार्टी का नेता कौन बनेगा इस बात की चर्चा चल रही थी। इसी बीच जस्टिन और विरोधी कंजरवेटिव पार्टी के सांसद पैट्रिक ब्राउजेज के बीच एक चैरिटी प्रोग्राम के तहत बॉक्सिंग का मुकाबला हुआ। पैट्रिक सेना में रहे थे। वे जुडो कराटे और किक बॉक्सिंग जानते थे। जबकि जस्टिन को अपने स्कूली दिनों में बॉडी बिल्डिंग का शौक था। उन्होंने इस मुकाबले को गंभीरता से लिया और फिर से वर्क आउट किया। मार्च 2012 में ये बहुचर्चित मुकाबला हुआ। तीन राउंड तक चले इस मुकाबले को जस्टिन ने जीत लिया। उस समय रिंग में जस्टिन की शर्टलेस तस्वीर कनाडा ही नहीं दुनिया भर में छा गयी थी। ये फाइट भले एक चैरिटी के लिए थी लेकिन इसके जीतने से जस्टिन की लोकप्रियता बढ़ गयी। 2013 में जब लिबरल पार्टी के नेता पद के लिए चुनाव हुआ तो जस्टिन ने बाजी मार ली। 2015 में उन्होंने अरसे बाद लिबरल पार्टी को सत्ता के शिखर पर पहुंचा दिया था।