चीन के पूर्व मिलिट्री ऑफिसर का दावा, गलवान में मारे गए 100 से ज्यादा चीनी सैनिक!
बीजिंग। चीन और भारत के बीच टकराव 15 जून को हिंसक हो गया था। गलवान घाटी में पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ऑफ चाइना (पीएलए) और इंडियन आर्मी के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई। इसमें इंडियन आर्मी की 16 बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) कर्नल संतोष बाबू के साथ 20 सैनिक शहीद हो गए। लेकिन चीन के कितने सैनिक मारे गए, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। चीन के सरकारी अखबार ने यह बात तो स्वीकारी कि पीएलए के कुछ सैनिक इस टकराव में मारे गए हैं। लेकिन चीन के एक पूर्व मिलिट्री ऑफिसर की तरफ से किया गया दावा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
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दावे की कोई पुष्टि नहीं
जियानिल यांग जो चीन के पूर्व मिलिट्री ऑफिसर हैं, उनका दावा है कि गलवान घाटी में हुई झड़प में 100 से ज्यादा चीनी सैनिकों की मौत हुई है। जियानिल यांग चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता के बेटे हैं और चीनी मिलिट्री के साथ भी रह चुके हैं। उनके दावे में कितनी सच्चाई यह कहना मुश्किल है लेकिन कुछ विशेषज्ञ उनके इस दावे को सच मान रहे हैं। चीन मामलों के जानकारों की माने तो यह देश कभी नहीं स्वीकारता है कि उसके सैनिक किसी युद्ध में मारे गए हैं। चीन ने आज तक इस बात को नहीं माना है कि 1962 में भारत के खिलाफ हुई जंग में उसके सैनिक मारे गए थे। इसके अलावा वह कोरियन वॉर में भी अपने सैनिकों की मौत को मानने से इनकार कर देता है।
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चीन ने भी मानी सैनिकों की मौत की बात
16 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसा की खबर के बाद ग्लोबल टाइम्स के एडीटर-इन-चीफ हू शिजिन ने ट्वीट किया और लिखा, 'जो मुझे मालूम है उसके आधार पर बता रहा हूं कि चीनी पक्ष को भी गलवान इलाके में हुई हिंसा में सैनिकों की जान का नुकसान उठाना पड़ा है।' उन्होंने हालांकि यह नहीं बताया था कि कितने चीनी सैनिकों की मौत हुई है। लेकिन भारत को चेतावनी दे डाली। उन्होंने कहा था, 'मैं भारतीय पक्ष को बताना चाहूंगा कि किसी भी तरह से अज्ञानी और भ्रम में न रहे। चीन के नियंत्रण को उसकी कमजोरी न समझिए। चीन, भारत के साथ हिंसा नहीं चाहता है लेकिन हमें इससे डर नहीं लगता है।' 15 जून को 45 साल बाद यह पहला मौका था जब भारतीय जवानों ने एलएसी पर चीनी सेना के साथ हुए संघर्ष में अपनी जान गंवाई है।
जनरल सिंह बोले-उनके दोगुने सैनिकों को मारा
'इंडियन आर्मी की तरफ से कहा गया है कि चीन को भी अपने कुछ जवानों को नुकसान झेलना पड़ा है। ऐसी खबरें थी कि चीन के 43 सैनिक मारे गए हैं। पूर्व सेना प्रमुख और अब बीजेपी सरकार में मंत्री जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह ने कहा है कि अगर इंडियन आर्मी ने अपने 20 बहादुर सैनिक 15/16 जून को हुए संघर्ष में गंवाएं हैं तो चीन के डबल सैनिक उन्होंने ढेर किया है। जनरल सिंह के मुताबिक चीन के करीब 43 सैनिक मारे गए हैं। जनरल सिंह के मुताबिक चीन कभी भी अपने मारे हुए सैनिकों के बारे में कभी सार्वजनिक तौर पर नहीं स्वीकारेगा क्योंकि सन् 1962 की जंग में भी उसने ऐसा ही किया था।15/16 जून को 16 बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) कर्नल संतोष बाबू और उनके साथी जवानों पर चीनी सैनिकों ने तेज धारदार हथियार का प्रयोग किया था।
फ्रैक्चर के बाद भी लड़ते रहे जवान
सूत्रों के मुताबिक शहीद सैनिकों के शरीर में कई जगह फ्रैक्चर भी थे। सभी सैनिकों ने बहुत ही बहादुरी के साथ चीनी जवानों के हमले का सामना किया और उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इन सैनिकों की शौर्य गाथा को सलाम किया है। उन्होंने कहा, 'देश को इस बात का गर्व होगा कि हमारे सैनिक मारते-मारते, मरे हैं।' भारत और चीन के सैनिकों के बीच हैंड-टू-हैंड कॉम्बेट जिस जगह पर हुई वह काफी संकरी है और यहां पर कई घंटों तक सैनिक आपस में लड़ते रहे। जवान उस समय आक्रामक हो गए थे जब सीओ कर्नल बाबू और दो जवानों चीनी सैनिकों के हमले में शहीद हो गए थे। इसके बाद भारतीय जवानों ने पूरे जोश के साथ हमला बोला।