परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की हत्या से गुस्साया ईरान, कहा-अब पछताएगा इजरायल
तेहरान। साल 2020 की शुरुआत ईरान में एक हंगामे के साथ हुई और अब इस साल के जाते-जाते यह देश एक बार फिर से खबरों में है। ईरान के टॉप परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की हत्या कर दी गई है। इस घटना के बाद से ही एक बार फिर ईरानी नेतृत्व गुस्से में है। ईरान ने इस घटना के पीछे अमेरिका और इजरायल को जिम्मेदार बताया है। शुक्रवार को हुई हत्या के बाद ईरान की सरकार ने मोहसिन की हत्या कर बदला लेने की ठान ली है। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब पहले से फारस की खाड़ी में ईरान और अमेरिका के बीच तनाव है। ईरान के मिलिट्री कमांडर ने साफ कर दिया है कि उनका देश इजरायल को पछताने पर मजबूर कर देगा।
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रक्षा मंत्रालय में अहम पद पर थे मोहसिन
मोहसिन फखरीजादेह ईरान के रक्षा मंत्रालय में रिसर्च डिपार्टमेंट के मुखिया भी थे। देश के परमाणु प्रोग्राम में उनका काफी योगदान है। उनकी हत्या इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी के करीब दमवांद कैंपस के करीब हुई है। यह जगह राजधानी तेहरान से करीब 60 किलोमीटर दूर है। राष्ट्रपति हसन रूहानी ने इजरायल को उनकी हत्या के लिए दोषी बताया है। उनकी तरफ से जारी बयान में कहा गया है, 'एक बार फिर वैश्विक घमंड की बुराई के छीटें हम पर पड़े हैं। शहीद मोहसिन फखरीजादेह की हत्या हमारे दुश्मनों की निराशा और उनकी नफरत की गहराई को बयां करती हैं।' 59 साल के मोहसिन की हत्या के बाद रक्षा मंत्रालय की तरफ से भी बयान जारी किया गया है। मंत्रालय ने कहा है, 'परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की आज आतंकियों ने हत्या कर दी है।' विदेश मंत्री जावेद जारीफ ने भी इस हत्या के लिए इजरायल को दोषी दिया है।
इजरायल को पछताना पड़ेगा
ईरान
के
सुप्रीम
लीडर
अयोतल्ला
खेमनेई
के
मिलिट्री
एडवाइजर
कमांडर
हुसैन
देहघान
ने
ट्वीट
कर
कहा
है
कि
इजरायल
ने
ऐसा
करके
बड़े
स्तर
पर
युद्ध
की
भावनाएं
भड़काने
का
काम
किया
है।
उन्होंने
इसके
पीछे
इजरायल
के
साथी
अमेरिका
और
राष्ट्रपति
डोनाल्ड
ट्रंप
को
जिम्मेदार
करार
दिया
है।
उन्होंने
कहा,
'अपनी
राजनीतिक
जिंदगी
के
अंतिम
दिनों
में
साथी
(अमेरिकी
राष्ट्रपति
डोनाल्ड
ट्रंप)
और
इजरायल,
ईरान
पर
दबाव
बढ़ाकर
एक
संपूर्ण
युद्ध
छेड़ना
चाहते
हैं।'
उन्होंने
आगे
लिखा
है,
'हम
तूफान
की
तरह
हमला
करेंगे
और
अपने
शहीद
का
बदला
लेंगे
और
उन्हें
अब
उनके
एक्शन
के
लिए
पछताना
पड़ेगा।'
ईरान
की
तरफ
से
यूनाइटेड
नेशंस
के
मुखिया
सेक्रेटरी
जनरल
एंटोनियो
गुटारेशे
को
भी
इस
घटना
को
लेकर
एक
चिट्ठी
लिखी
गई
है।
इसमें
लिखा
है
कि
इजरायल
ने
परमाणु
वैज्ञानिक
की
हत्या
की
है
और
अब
उसके
पास
अपनी
रक्षा
करने
का
अधिकार
संरक्षित
है।