Modi-Xi Meet: जानिए क्या है चीन के वुहान शहर की एतिहासिक अहमियत जहां मोदी से मिलेंगे जिनपिंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम करीब पांच बजे चीन के लिए रवाना होंगे। नई दिल्ली से इस बार वह बीजिंग के बजाय हुबई प्रांत की राजधानी वुहान जाएंगे। 27 और 28 को वह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे। खुद जिनपिंग पीएम मोदी का स्वागत करेंगे। वुहान शहर चीन के लिए एक बड़ा एतिहासिक महत्व है।
वुहान। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम करीब पांच बजे चीन के लिए रवाना होंगे। नई दिल्ली से इस बार वह बीजिंग के बजाय हुबई प्रांत की राजधानी वुहान जाएंगे। 27 और 28 को वह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे। खुद जिनपिंग पीएम मोदी का स्वागत करेंगे। वुहान शहर चीन के लिए एक बड़ा एतिहासिक महत्व है। पीएम मोदी इस एतिहासिक शहर में जब जिनपिंग से मुलाकात करेंगे जो वह मुलाकात भी काफी एतिहासिक होगी। जिनपिंग ने मोदी को 'अनौपचारिक मुलाकात' के लिए बुलाया है। आखिरी बार चीन की ओर से ऐसा निमंत्रण साल 1988 में दिया गया था।
क्यों अहम है वुहान
वुहान, सेंट्रल चीन का दिल है और यह शहर में चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी का सेंटर भी है। चीन का शहर वुहान में माओ त्से तुंग या जिन्हें माओ जेदोंग के नाम से भी जानते हैं, उनका बंगला है। माओ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक हैं और साल 1949 में उन्होंने इस पार्टी की स्थापना की थी। 1949 से लेकर साल 1976 तक यानी अपने निधन तक उन्होंने पार्टी का जिम्मा संभाला। माओ के लेखों, सैन्य रणनीतियों और राजनीतिक नीतियों को आज माओवाद के नाम से जानते हैं। सूत्रों की मानें तो मोदी और जिनपिंग की मुलाकात वुहान स्थित माओ के बंगले पर ही होगी।
क्या हुआ था 1966 में
कहते हैं कि साल 1966 में माओ के बुरी तरह से बीमार होने की अफवाह फैली। लेकिन उसी समय माओ ने वुहान अचानक सबके सामने आए। यहां की यांग त्से नदी में उन्होंने तैराकी स्पर्धा में हिस्सा लिया और इसके साथ ही चीन में एक सांस्कृतिक क्रांति की शुरुआत हुई। इसी शहर में माओ के क्रांतिकारियों और विपक्षी क्रांतिकारियों के बीच संष्घर्ष हुआ। वुहान में जिस तैराकी स्पर्धा में माओ ने हिस्सा लिया था उसे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के लिए एक अहम घटना माना जाता है।
भारत में चीनी राजदूत का होम टाउन
इसके अलावा वुहान भारत में चीन के राजदूत ल्यू झाओहुई का भी घर है। ल्यू ने एक वीडियो मैसेज जारी कर कहा है, 'यह उनके लिए सम्मान की बात है कि पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच यह एतिहासिक मुलाकात उनके गृहनगर में हो रही है।' पीएम मोदी के साथ कई वरिष्ठ अधिकारी भी चीन जाएंगे जिसमें नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजित डोवाल भी शामिल है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण हाल ही में चीन का दौरा करके लौटी हैं। ये दोनों यहां पर शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) के सदस्य देशों के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्रियों की मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए गई थीं।
जिनपिंग करेंगे मोदी का वेलकम
चीन इस हफ्ते जब पीएम मोदी चीन जाएंगे तो वह चौथा मौका होगा जब पीएम चीन का दौरा करेंगे। साल 2014 में सत्ता संभालने के बाद वह पहली बार द्विपक्षीय दौरे पर साल 2015 में चीन गए थे। इस समय राष्ट्रपति जिनपिंग की जगह प्रधानमंत्री ली केकियांग ने पीएम मोदी का स्वागत किया था। इस बार जब पीएम मोदी वुहान पहुंचेंगे तो खुद जिनपिंग उनका स्वागत करेंगे। सिर्फ इतना ही नहीं जिनपिंग दोनों दिन पीएम मोदी के साथ मौजूद रहेंगे। मोदी साल 2016 में जी-20 समिट के लिए और साल 2017 में ब्रिक्स समिट के लिए चीन गए थे। ब्रिक्स समिट के लिए पीएम मोदी सितंबर 2017 में जब चीन गए थे तो डोकलाम विवाद के बाद वह सबसे अहम दौरा था।
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