इंडोनेशिया में पीएम मोदी- मीडिया ने कहा दौरे से रणनीतिक संबंध होंगे मजबूत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इंडोनेशिया में हैं और प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनका पहला इंडोनेशिया दौरा है। इंडोनेशिया जहां पर मुसलमानों की आबादी सबसे ज्यादा है, वहां की मीडिया हर पल इस पर नजर बनाए हुए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से इंडोनेशिया, सिंगापुर और मलेशिया के दौरे पर रहेंगे।
जकार्ता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इंडोनेशिया में हैं और प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनका पहला इंडोनेशिया दौरा है। इंडोनेशिया जहां पर मुसलमानों की आबादी सबसे ज्यादा है, वहां की मीडिया हर पल इस पर नजर बनाए हुए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से इंडोनेशिया, सिंगापुर और मलेशिया के दौरे पर रहेंगे। 29 मई से शुरू होकर पीएम मोदी का यह दौरा दो जून को खत्म होगा। अपने दौरे से पहले पीएम मोदी ने कहा है कि भारत की तीनों देशों के साथ एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी है। पीएम मोदी का कहना है कि उनके इस दौरे का मकसद देश की 'एक्ट ईस्ट' पॉलिसी को आगे बढ़ाना है।
कभी नरम तो कभी गरम रहे रिश्ते
प्रधानमंत्री मोदी का दौरा शुरू होने से पहले यहां के प्रमुख अखबार जकार्ता पोस्ट में एक आर्टिकल छपा है जिसका टाइटल है है, 'इंडिया-इंडोनेशिया रिलेशंस: बिटवीन सॉफ्ट एंड हार्ड पावर।' इस आर्टिकल को वडोडरा के भारतीय रिसर्चर ने लिखा है। आर्टिकल में कहा गया है कि पिछले चार वर्षों में मोदी सरकार ने दक्षिण पूर्व और पूर्वी एशियाई देशों के साथ संपर्क बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है। वहीं भारत और इंडोनेशिया के रिश्ते कभी नरम तो कभी सख्त रहे हैं। इस आर्टिकल में लिखा है कि शीत युद्ध के दौरे के समय एक जैसे सांस्कृतिक जुड़ाव होने के बाद भी इंडोनेशिया और भारत के संबंध ठीक से विकसित नहीं हो पाए। इसके बाद जब भारत में सत्ता सॉफ्ट पावर के हाथ में आई तो देश की विदेश नीति में बदलाव शुरू हुआ।
रणनीतिक साझेदारी होगी मजबूत
आर्टिकल में कहा गया है कि मोदी का यह दौरा भारत और इंडोनेशिया के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के मकसद से है। साथ ही इंडोनेशिया के साथ रणनीतिक संबंध भारत के लिए समुद्रिक पहुंच को बढ़ाने में मदद करेंगे जिस पर पिछले कई समय से ध्यान नहीं दिया गया है। इस आर्टिकल के मुताबिक इंडोनेशिया, भारत का वह पड़ोसी है जिसकी समुद्रिक सीमा भारत से लगी है। वहीं इंडोनेशिया हिंद महासागर और साउथ चाइना सी का एक बड़ा हिस्सा कवर करता है। भारत और दूसरे साउथ ईस्ट एशियाई देशों के संबंध चीन के साथ रणनीतिक तौर पर काफी अच्छे नहीं है। इस वजह से भी इंडोनेशिया की अहमियत आज भारत के लिए बढ़ जाती है। आर्टिकल के मुताबिक भारत की साउथ ईस्ट एशियाई देशों के साथ बढ़ता संपर्क वर्तमान और आने वाले समय के लिए काफी अच्छा है।
एक-दूसरे का सहयोग कर सकते हैं दोनों देश
इंडोनेशिया के मैरिटाइम अफेयर्स के मंत्री लुहुत पांडजाइतान जब भारत आए थे तो उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि भारत और इंडोनेशिया की रणनीतिक साझेदारी इस क्षेत्र में सत्ता का संतुलन बरकरार रखने में कारगर होगी। साथ ही काउंटर-टेररिज्म और एंटी-पाइरेसी ऑपरेशंस के लिए भी संबंधों की काफी अहमियत है। उन्होंने कहा था कि इंडोनेशिया ने अपने तटीय क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि भारत और इंडोनेशिया दोनों के लिए ही तटीय सीमा एक रणनीतिक क्षेत्र के तौर पर उभरा है और एक ऐसा क्षेत्र बन गया है जहां पर दोनों देश एक-दूसरे का सहयोग कर सकते हैं।