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जानिए किस भारतीय राजनेता ने रखा था इंडोनेशिया के पहले राष्‍ट्रपति की बेटी का नाम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार इंडोनेशिया का दौरा किया और उन्‍होंने दौरे से पहले कहा था कि वह 'एक्‍ट ईस्‍ट पॉलिसी' को आगे बढ़ाने के मकसद से इंडोनेशिया जा रहे हैं। जब भारत ने 'लुक ईस्‍ट' या 'एक्‍ट ईस्‍ट पॉलिसी' से पहले एक‍ राजनेता ऐसा था जो इंडोनेशिया और भारत को करीब लेकर आया।

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जकार्ता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार इंडोनेशिया का दौरा किया और उन्‍होंने दौरे से पहले कहा था कि वह 'एक्‍ट ईस्‍ट पॉलिसी' को आगे बढ़ाने के मकसद से इंडोनेशिया जा रहे हैं। जब भारत ने 'लुक ईस्‍ट' या 'एक्‍ट ईस्‍ट पॉलिसी' से पहले भी देश में एक‍ राजनेता ऐसा था जिसने इंडोनेशिया को भारत के करीब लाने में अहम रोल अदा किया था। यह राजनेता कोई और नहीं है बल्कि ओडिशा के पूर्व मुख्‍यमंत्री बीजू पटनायक हैं जिन्‍होंने इंडोनेशिया और ओडिशा के बीच सांस्‍कृतिक और सामाजिक जुड़ाव को और गहरा करने में महत्‍वपूर्ण योगदान दिया। इसकी वजह से इंडोनेशिया के सुकर्णो परिवार के साथ उनका कभी न खत्‍म होने वाला नाता भी जुड़ सका।

सुकर्णों के साथ गहरी दोस्‍ती

सुकर्णों के साथ गहरी दोस्‍ती

कहते हैं कि बीजू पटनायक ने इंडोनेशिया के पहले राष्‍ट्रपति सुकर्णो की बेटी का नाम मेघावती रखा था क्‍योंकि उनका जन्‍म जिस दिन हुआ उस दिन बहुत तेज बारिश हो रही थी। मेघावती का मतलब होता है बादल की बेटी। मेघावती साल 2001 में इंडोनेशिया की राष्‍ट्रपति बनीं और फिर तीन वर्षों तक उन्‍होंने शासन किया। मेघावती, कालिदास की रचना मेघदूत का एक कैरेक्‍टर है और इसी के आधार पर बीजू पटनायक ने सुकर्णों की बेटी का नाम रखा था। जब इंडोनेशिया पर नीदरलैंड का शाान था तो उस समय ओडिशा के तीसरे मुख्‍यमंत्री रहे बीजू पटनायक ने साउथईस्‍ट एशिया के देश तक अपनी पहुंच बनाई।

बहादुरी की मिसाल बने बीजू

बहादुरी की मिसाल बने बीजू

इंडोनेशिया के पहले प्रधानमंत्री सुतान सजाहरीर की रक्षा करने में भी पटनायक का खासा योगदान था। जुलाई 1947 में वह जकार्ता पहुंचे और इंडोनेशिया के आजादी आंदोलन में भाग लेने वाले नेताओं को पंडित जवाहर लाल नेहरु के आदेश पर भारत लेकर आए। सुतान को नीदरलैंड के आदेश के बाद घर में नजरबंद करके रखा गया था। पटनायक सिंगापुर के रास्‍ते सुतान को भारत लाने में सफल हो सके थे। पटनायक ने जो कुछ उस समय किया उसे आज तक बहादुरी की मिसाल माना जाता है और लोगों को उनका उदाहरण दिया जाता है।

इंडोनेशिया ने किया सम्‍मानित

इंडोनेशिया ने किया सम्‍मानित

इंडोनेशिया कभी भी पटनायक के योगदान को नहीं भुला सका और उन्‍हें साल 1995 में जकार्ता में यहां के सर्वोच्‍च सम्‍मान बितांग जासा उतामा से सम्‍मानित किया। इस सम्‍मान को हासिल करने के दो वर्ष बाद पटनायक का निधन हो गया था। बीजू पटनायक, ओडिशा के वर्तमान मुख्‍यमंत्री बीजू पटनायक के पिता थे।

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English summary
It was the legendary leader from Odisha, Biju Patnaik (1916-97) who had continued with the civilizational and cultural links that his state had shared with the Southeast Asian archipelago in the past.
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