चमत्कार! वैज्ञानिकों ने किया कृत्रिम दिल का निर्माण, रॉकेट तकनीक की सहायता से हुआ मुमकिन
विज्ञान के इस युग में वैज्ञानिक रोज कामयाबी की नई गाथा लिख रहे हैं। भावनाएं महसूस करने वाले रोबोट से लेकर कृत्रिम द्वीप तक, विज्ञान ने हर चीज मुमकिन कर दी है। मेडिकल की दुनिया में भी विज्ञान के चमत्कार रोज देखने को मिल रहे हैं लेकिन हाल ही में चीनी वैज्ञानिकों को जो कामयाबी मिली है, वो सबसे बड़ी है।
बीजिंग। विज्ञान के इस युग में वैज्ञानिक रोज कामयाबी की नई गाथा लिख रहे हैं। भावनाएं महसूस करने वाले रोबोट से लेकर कृत्रिम द्वीप तक, विज्ञान ने हर चीज मुमकिन कर दी है। मेडिकल की दुनिया में भी विज्ञान के चमत्कार रोज देखने को मिल रहे हैं लेकिन हाल ही में चीनी वैज्ञानिकों को जो कामयाबी मिली है, वो सबसे बड़ी है। चीनी वैज्ञानिकों ने रॉकेट तकनीक से कृत्रिम दिल का निर्माण किया है।
बना डाला कृत्रिम दिल
चीनी वैज्ञानिकों को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। चीन के वैज्ञानिकों ने रॉकेट टेक्नोलॉजी के सहारे एक कृत्रिम दिल का निर्माण किया है। फिलहाल इस दिल को अभी जानवरों पर एक्सपेरिमेंट किया जा रहा है। वैज्ञानिकों का मानना बै कि इससे देश में मरीजों को काफी मदद मिलेगी। कृत्रिम दिल तब लगाया जाता है जब हार्ट ट्रांसप्लांट मुमकिन नहीं हो पा रहा हो।
जानवरों पर हो रहा है टेस्ट
चाइना अकैडमी ऑफ व्हीकल टेक्नोलॉजी (सीएटीटी) और उत्तरी चीन के तियानजिन में टेडा इंटरनेशनल कार्डियोवस्कुलर अस्पताल की साझा मेहनत से इस कृत्रिम दिल को बनाया गया है। फिलहाल दिल को टेस्टिंग प्रक्रिया के लिए भेजा गया है। इस दौरान जानवरों पर दिल को टेस्ट किया जाएगा।
रॉकेट तकनीक से बनाया गया दिल
कृत्रिम दिल को रॉकेट तकनीक का उपयोग कर के बनाया गया है। चुंबकीय और द्रव लेविटेशन तकनीक का इस्तेमाल दिल को बनाने में किया गया है। इसके कारण मशीन में घर्षण नहीं होता और काम करने की क्षमता बढ़ती है। रॉकेट तकनीक कृत्रिम दिल के लिए कारगार साबित होगी। इससे खून भेजने वाले पंप लंबे वक्त तक काम कर पाएंगे और खून को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।
चीन के मरीजों को मिलेगी मदद
चीन में अभी तक कृत्रिम दिल को बेचने की इजाजत नहीं है। इसलिए मरीज हार्ट ट्रांस्पलांट पर ही निर्भर थे। बाहर से मंगाया हुआ कृत्रिम दिल की चीन में कीमत 99 लाख रुपये तक हो सकती है। ऐसे में अगर चीन कम खर्चे पर कृत्रिम दिल का निर्माण कर रहा है तो इससे दिल के मरीजों को फायदा मिलेगा। साल 2013 नें चीनी वैज्ञानिकों ने एक भेड़ के अंदर इंसान का दिल लगाया था, जो कि 120 दिनों तक जिंदा रहा था। इसके बाद 6 और भेड़ों में इंसान का दिल लगाया गया था और सभी 100 से ज्यादा दिनों तक जिंदा रहे थे।