नेपालः मुश्किल में प्रचंड सरकार! रबि लामिछाने की पार्टी ने समर्थन वापस लेने का किया ऐलान, वजह ये है
प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल द्वारा रबि लमिछाने को गृह मंत्री के रूप में फिर से नियुक्त करने से इनकार करने के बाद पार्टी ने एक सरकार से अपने मंत्रियों को वापस बुलाने का फैसला किया।
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नेपाल में नई सरकार के दिन शुभ नहीं चल रहे हैं। गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (RSP) ने पीएम पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल से बाहर निकलने का फैसला किया है। पार्टी नेताओं के साथ बैठक के बाद रविवार को रबि लामिछाने ने इसकी घोषणा की। राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी 19 सांसदों के साथ गठबंधन में चौथी सबसे बड़ी पार्टी है। रबि लामिछाने के समर्थन वापस लेने के फैसले के बाद कई मंत्रियों ने इस्तीफे की पेशकश कर दी। इसके बाद से ही इस सरकार के गिर जाने का खतरा मंडरा रहा है।
पीएम प्रंचड ने दिया धोखा!
द काठमांडू पोस्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल द्वारा रबि लमिछाने को गृह मंत्री के रूप में फिर से नियुक्त करने से इनकार करने के बाद पार्टी ने एक सरकार से अपने मंत्रियों को वापस बुलाने का फैसला किया। लामिछाने को 27 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद गृहमंत्री के पद से हटा दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि संसदीय चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने जो नागरिकता प्रमाणपत्र पेश किया था, वह अमान्य था। उन्होंने संसद में चौथे सबसे बड़े संगठन राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी की अध्यक्षता भी खो दी। ऐसा इसलिए था क्योंकि नेपाली नागरिक ही इन पदों पर बने रह सकते हैं।
लामिछाने ने फिर से हासिल की नागरिकता
29 जनवरी को, लामिछाने ने अपनी नेपाली नागरिकता फिर से हासिल कर ली, जो अमान्य हो गई थी। उन्होंने 2014 में अमेरिकी नागरिकता हासिल कर ली थी, जिसके बाद उनकी नेपाली नागरिकता रद्द हो गई थी। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, लामिछाने ने रविवार को कहा, "मंत्री भी आज ही प्रधानमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप देंगे।" इस फैसले से शिक्षा मंत्री शिशिर खनाल, श्रम, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा मंत्री डोल प्रसाद आर्यल और स्वास्थ्य एवं जनसंख्या राज्य मंत्री तोशिमा कार्की अपने पद खाली कर देंगे।
चौथी सबसे बड़ी पार्टी के नेता रबि लामिछाने
आपको बता दें कि 2022 में नेपाल में हुए चुनाव में रबि लामिछाने की राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (RSP) चौथी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। इनके समर्थन से ही पुष्प कमल दहल और केपी ओली ने मिलकर सरकार बनाई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक RSP मांग कर रही थी कि पीएम को पार्टी को गृह मंत्रालय फिर से सौंप देना चाहिए. क्योंकि गठबंधन के समय यही तय हुआ था। लेकिन पीएम प्रचंड ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वह तब तक इंतजार करना चाहते हैं जब तक कि सुप्रीम कोर्ट रबी लामिछाने के मामले में अपने अंतिम फैसले पर नहीं पहुंच जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक RSP के सभी नेता गृह मंत्रालय को लेकर सरकार छोड़ने के पक्ष में नहीं थे।
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