इस देश में 'आसमान फाड़कर स्पेस' में जा घुसी महंगाई, करोड़पति भी हैं दर-दर के भिखारी
नई दिल्ली। जब-जब महंगाई बढ़ती तो अकसर लोग कहने लगते हैं कि कीमतें आसमान छू रही हैं, लेकिन लेकिन दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला में महंगाई आसमान फाड़कर स्पेस में घुस गई है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का अनुमान है कि इस साल वेनेजुएला की महंगाई दर 10 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। मतलब भारत में जो महंगाई दर जून में 5 प्रतिशत पहुंचने पर हंगामा कट गया, वही महंगाई दर वेनेजुएला में 10 लाख प्रतिशत के पार चली गई जाएगी। हैरानी का कोटा यहीं पर खत्म नहीं होता है, एक बात और सुन लीजिए। वेनेजुएला में करोड़पति भी भूखे मर रहे हैं। नौबत यहां तक आ गई है कि लाखों रुपए जेब में होने के बाद भी लोगों जूते की मरम्मत तक कराने में लोगों के पसीने छूट जा रहे हैं।
जूता मरम्मत कराने में खर्च हो गए 4 लाख रुपए
वेनेजुएला में एक यूनिवर्सिटी प्रोफेसर को पुराना जूता मरम्मत करवाने के लिए 20 अरब बोलिवर (करीब 4 लाख रुपये) देने पड़े। पूरी दुनिया में होड़ी लगी है कि उनकी अर्थव्यवस्था तेजी से कैसे बढ़े, वहीं वेनेजुएला में अर्थव्यवस्था दो अंकों में घट रही है। बड़ी उलझी हुई है इस देश की कहानी। द गार्डियन के साथ बातचीत में वेनेजुएला की एक नर्स ने बताया कि उन्हें 50 लाख बोलिवर (वेनेजुएला की करंसी) सैलरी मिलती है, लेकिन इतना वेतन पाने के बाद भी वह अपने बच्चों का पेट भरने के लिए एक किलो मीट नहीं खरीद पा रही हैं। उन्होंने कहा कि भगवान न करे कि अगर कोई बीमार हो जाए तो वह मर ही जाएगा, क्योंकि वेनेजुएला में दवा खरीदने के दाम इतने ज्यादा हैं कि उन्हें खरीदना सबके बस की बात नहीं है।
आर्थिक युद्ध के कारण बदहाल हो रहा वेनेजुएला
वेनेजुएला के हालात पर राष्ट्रपति निकोलस मदुरो कहते हैं कि देश के भीतर और देश के बाहर मौजूद उनके राजनीतिक विरोधियों ने वेनेजुएला के खिलाफ 'आर्थिक युद्ध' छेड़ रखा है, जिसकी वजह से अपार संकट खड़ा हो गया है। वित्तीय संकट की वजह से सरकार लगातार नोट छाप रही है, जिससे वेनेजुएला की मुद्रा बोलिवर की कीमत पाताल में समा गई है। नौबत यहां तक आ गई है कि 1 डॉलर की कीमत 35 लाख बोलिवर के बराबर पहुंच गई है।
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13 लाख बोलिवर में नहीं मिल रहा तीन वक्त का खाना
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मई 2018 में 13 लाख बोलिवर के मासिक वेतन से सिर्फ दो लीटर दूध, चार केन ट्यूना और एक ब्रेड मिल रहा था। इस समय जो प्रोफेसर वेनेजुएला में 59 लाख बोलिवर सैलरी प्राप्त कर रहे हैं, उसे डॉलर में कन्वर्ट करें तो उनके हाथ में सिर्फ 1.70 डॉलर आ रहा है।
आईएमएफ ने जर्मनी के 1923 में पैदा हुए हालात से की वेनेजुएला की तुलना
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वेनेजुएला की तुलना जर्मनी में 1923 में पैदा हुए हालात से की है। जर्मनी प्रथम विश्वयुद्ध (1914-18) में बर्बाद हुआ था, लेकिन उसकी जनता ने तबाही का दंश कई साल बाद तक झेला था। नौबत यहां तक आ गई थी कि जर्मनी के नोट (मार्क) की कोई कीमत ही नहीं रही। उस समय एक ब्रेड की कीमत अरबों मार्क तक पहुंच गई थी।