अस्थमा या अस्थमेटिक एलर्जी है तो माइग्रेन की आशंका ज्यादा
[Health News] अगर आपके घर में कोई अस्थमा या अस्थमेटिक एलर्जी से ग्रसित है, तो ज्यादा टेंशन, काम का दबाव या नींद नहीं पूरी होना, मरीज की जान के लिये खतरा हो सकता है। अमेरिका में हुए एक ताज़ा शोध के अनुसार अस्थमा से ग्रसित लोगों के लिये माइग्रेन की समस्या अन्य के मुकाबले ज्यादा बढ़ सकती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ सिनसिनाटी, अमेरिका में हुए इस शोध में 4500 लोगों पर रिसर्च किया गया। प्रोफेसर विंसेंट मार्टिन द्वारा किये गये अध्ययन के अनुसार वे लोग जिन्हें माइग्रेन की समस्या है उनके लिये अस्थमा एक खतरनाक बीमारी है या फिर जिन्हें अस्थमा है, उनके लिये माइग्रेन। क्योंकि इन दोनों ही बीमारियों के कारण श्वास नलिका में जलन पैदा होती है। अस्थमा रोग सीधे तौर पर माइग्रेन के अटैक के लिये कैटेलिस्ट का काम करता है।
जिन मरीजों को महीने में 15 दिन सिर में दर्द रहता है, और अस्थमा भी है, उनके लिये खतरा ज्यादा है। जिन लोगों को अस्थमाकिट एलर्जी या ब्रोंकाइटिक एलर्जी होती है, उनमें सिर दर्द की शिकायत ज्यादा रहती है। यह भी संभव है कि अस्थमा सीधे तौर पर माइग्रेन को बढ़ावा नहीं दे। हो सकता है बुखार आदि के आने से माइग्रेन की समस्या पैदा हो जाये।
इसके कारण अनुवांशिक भी हो सकते हैं। हां खराब मौसम, हवा में नमी, बारिश, शीत लहर, प्रदूषण, पोलेन ग्रेन्स, आदि के चलते यह बढ़ सकता है। अस्थमाटिक एलर्जी और माइग्रेन दोनों ही एक दूसरे का कारण बन सकते हैं।