चिली-मेट्रो के बढ़े किराए की वजह से दंगे, आठ लोगों की मौत, 29 साल बाद सड़कों पर नजर आई मिलिट्री
सैंटियागो। चिली में मेट्रो रेल का किराया बढ़ाए जाने के विरोध में प्रदर्शन अब हिंसक रूप ले चुका है। कई मेट्रो स्टेशनों और बिल्डिंग्स को आग लगा दी गई है और ताजा खबरों में यहां पर अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। रविवार रात से यहां पर प्रदर्शन जारी है और यहां तक कि राष्ट्रपति सेबेस्चियन पिनेरा की तरफ से बढ़े हुए किराए को वापस लिए जाने के बाद भी प्रदर्शन रुक नहीं रहे हैं। लोग दुकानों में तोड़-फोड़ कर रहे हैं और कई दुकानों को भी आग लगा दी गई है।
कई दुकानों को लगाई गई आग
चिली की राजधानी सैंटियागो में प्रदर्शन इस कदर हिंसक हैं कि यहां पर साल 1990 में मिलिट्री रूल खत्म होने के बाद पहली बार सेना के जवानों को गश्त करते देखा गया है। अधिकारियों की ओर से बताया गया है कि तीन लोगों की मौत सैंटियागो में आग की वजह से हुई है तो दो लोगों की मौत सुपरमार्केट में हुई लूट की वजह से हुई है। वहीं पांच लोगों की लाश एक स्टोर रूम के बेसमेंट में पाया गया जिसे आग लगा दी गई थी। अथॉरिटीज का कहना है कि ये लोग यहां के इंप्लॉयी नहीं थे।
प्रदर्शन में शामिल स्कूल के बच्चे
जो विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं उसमें बड़े पैमाने पर स्कूल के बच्चे और छात्र शामिल हैं। विरोध प्रदर्शन का सिलसिला शुक्रवार से ही जारी है। लूट के बीच ही हिंसा की खबरें आनी लगीं और हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। लोगों का कहना था कि मेट्रो के बढ़े हुए किराए की वजह से उनकी लिविंग कॉस्ट पर असर पड़ेगा। आपको बता दें कि चिली, दक्षिण अमेरिका का वह देश है जिसकी अर्थव्यवस्था को सबसे समृद्ध माना जाता है। शनिवार तक विरोध प्रदर्शन पूरे देश में फैल चुका था और किसी भी तरह से लोगों को नियंत्रित नहीं किया जा पा रहा था।
156 पुलिस वाले भी घायल
पिछले दिनों चिली की सरकार ने मेट्रो के किराए में 16 प्रतिशत के इजाफे का ऐलान किया था। इस ऐलान के बाद मेट्रो का किराया एक डॉलर से बढ़कर एक डॉलर 16 सेंट्स तक पहुंच गया। विरोध प्रदर्शन में 156 पुलिस ऑफिसर्स के घायल होने की खबरें हैं। वहीं, 11 आम नागरिक भी इसमें घायल हुए हैं। छात्रों की अगुवाई वाले इस प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति पिनेरा ने देश में आपातकाल का ऐलान कर दिया और इसके बाद मिलिट्री का तैनात किया गया।
लोगों का गुस्सा अब आया बाहर
एक स्टूडेंट कैरीना सेपुलेवेदा ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया है कि यह प्रदर्शन सिर्फ मेट्रो के बढ़े हुए किराए की वजह से नहीं है। बल्कि कई सालों से लोगों को दबाकर रखा गया था और अब मेट्रो के किराए ने आग में घी का काम किया है। उन्होंने कहा कि एक आदर्श चिली का भ्रम अब खत्म हो चुका है। यहां पर न तो हेल्थकेयर और पेंशन के खराब स्वरूप ने लोगों को मजबूर कर दिया है।