पृथ्वी की तरफ तेजी से बढ़ रहा फुटबॉल फील्ड से तीन गुना बड़ा उल्कापिंड, जानिए बचा है कितना समय
नई दिल्ली। साल 2020 में पृथ्वी को एक बाद एक नए खतरे का सामना करना पड़ रहा है। साल के 10 महीने भी नहीं बीते हैं कि तूफान, महामारी, चक्रवात और जंगल में भीषण आग की घटनाओं के लिए यह वर्ष इतिहास में अपना नाम लिखा चुका है। इस बीच अब अंतरिक्ष से भी आफत आने के संकेत मिल रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फुटबॉल फील्ड से तीन गुना बड़ा का उल्कापिंड पृथ्वी की ओर तेजी से बढ़ रहा है। यह इतना बड़ा है कि अगर पृथ्वी से टक्कर हुई तो मानव सभ्यता का भी नामोनिशान मिट सकता है।
शोधकर्ताओं ने किया ये दावा
यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी के शोधकर्ताओं एक अपोफिस ऐस्टरौएड के लेकर एक रिसर्च की है जिसका नाम मिस्र के अराजकता और विनाश के देवता के नाम पर रखा गया है। यार्कोवस्की इफेक्ट के चलते इसकी तफ्तार में तेजी आई है। बता दें कि यार्कोवस्की इफेक्ट उस बल को कहते हैं जो थर्मल फोटोन के अनिसोट्रोपिक उत्सर्जन के कारण अंतरिक्ष में एक घूर्णन निकाय पर काम करता है, इससे किसी भी ऐस्टरौएड को गति मिलती है।
ऐस्टरौएड की बढ़ रही है रफ्तार
वैज्ञानिकों का दावा है कि इस घटना के चलते साल 2068 तक अपोफिस ऐस्टरौएड खतरनाक रूप से पृथ्वी से टकरा सकता है। इस घटना को पहले नासा ने 'असंभव' सोचा गया था। ऐस्टरौएड को चारों तरफ से मिलने वाली धूप उसे धक्का दे रही है। यार्कोवस्की प्रभाव तब होता है जब क्षुद्रग्रह ऊपर गति करता है क्योंकि इसकी थर्मल विकिरण एक समान नहीं होती है, जिसका अर्थ है कि अंतरिक्ष-रॉक के कुछ हिस्से दूसरों की तुलना में तेजी से गरम होते हैं।
2068 तक पृथ्वी से टकराने की संभावना
खगोलविद डेव थोले ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, इस साल की शुरुआत में सुबारू दूरबीन से हमें ये नई जानकारी मिली, इससे हमें अपोफिस यारकोवस्की त्वरण को प्रकट करने के लिए काफी मदद मिली। डेव थोले बताते हैं कि क्षुद्रग्रह विशुद्ध रूप से गुरुत्वाकर्षण कक्षा से प्रति वर्ष लगभग 170 मीटर दूर तैर रहा है। साल 2068 में इसके पृथ्वी पर दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना अभी भी बहुत है।
अंतरिक्ष में हैं लाखों क्षुद्रग्रह
बता दें कि इससे पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा था कि 10 साल में 99942 एपोफिस नामक एक क्षुद्रग्रह पृथ्वी की ओर उड़ान भरेगा। एपोफिस की खोज 2004 में अमेरिकी खगोलविदों द्वारा की गई थी। आने वाले साल 2068 में इसके धरती के करीब से गुजरने की संभावना है, लेकिन पहले नासा ने माना था कि तब टकराव की कोई संभावना नहीं थी। बता दें कि क्षुद्रग्रह मामूली ग्रह हैं, खासकर आंतरिक सौर मंडल के, बड़े क्षुद्रग्रहों को ग्रह ग्रह भी कहा जाता है। अंतरिक्ष में लाखों क्षुद्र ग्रह मौजूद हैं।
2 नवम्बर को धरती से टकरा सकता है ये उल्कापिंड
सीएनएन न्यूज नेटवर्क ने नासा के वैज्ञानिकों के हवाले से बताया कि ये एस्टेरॉयड धरती के बिल्कुल पास से होकर गुजरेगा। इसके धरती से टकराने की संभावना 0.41 प्रतिशत बताई जा रही है। वैज्ञानिकों द्वारा इसेसबसे पहले 2018 में कैलिफोर्निया स्थित पालोमर वेधशाला (ऑब्जर्वेटरी) से देखा गया था। इसके बाद से वैज्ञानिक इस पर नजर रखे हुए हैं। एस्टेरॉयड ऐसे खगोलीय पिंड हैं तो सूर्य का चक्कर लगाते रहते हैं। ये ग्रह की तुलना में काफी छोटे होते हैं। कभी-कभी ये ग्रहों के करीब से गुजरते हैं जिससे इनके टकराने का खतरा बढ़ जाता है।
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