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72 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गिरा 'आग का गोला', नॉर्वे में बीच रात फैली सनसनी

नॉर्वे में 72 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उल्कापिंड गिरा है, जिससे सनसनी फैल गई है।

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ओस्लो, जुलाई 26: नॉर्वे के आसमान में रविवार को जो कुछ भी हुआ है, उसने लोगों में दहशत भर दिया है। रविवार को देर रात अचानक काफी तेज आवाज गूंजने लगी और हर आधी रात आसमान से आग का गोला भीषण रफ्तार के साथ धरती पर गिरा है।

धरती पर गिरा उल्कापिंड

धरती पर गिरा उल्कापिंड

दरअसल, नॉर्वे में एक बहुत बड़ा उल्कापिंड आकाश से धरती पर गिरा है। लोगों ने आसमान में इस उल्का पिंड की गड़गड़ाहट सुनी और रोशनी को देखा। जानकारों का कहना है कि, हो सकता है कि इसका कुछ हिस्सा राजधानी ओस्लो के पास गिरा हो। हालांकि, उल्कापिंड गिरने की वजह से अभी तक किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रोनहैम शहर से सुबह करीब 1 बजे उल्कापिंड देखे जाने की खबर आने लगी। होल्मस्ट्रैंड शहर में स्थापित एक वेब कैमरा ने आसमान से गिरते आग के गोले को कैद कर लिया।

आग का गोला गिरने से दहशत

आग का गोला गिरने से दहशत

नॉर्वे का उल्का नेटवर्क वीडियो फुटेज के आधार पर इस आग के गोले का विश्लेषण कर रही है। लेकिन अभी भी नॉर्वे के लोग डरे हुए हैं। दरअसल, कोई भी उल्कापिंड अगर पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करता है, तो पहले ही उसकी जानकारी मिल जाती है, लेकिन इस उल्कापिंड को लेकर कोई जानकारी नहीं मिल पाई। ऐसे में नॉर्वे के वैज्ञानिक लगातार पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इस उल्कापिंड की उत्पत्ति कहां हुई और यह कहां गिरा। शुरुआती जांच में पता चला है कि उल्कापिंड ओस्लो से 60 किलोमीटर दूर फिनमार्का के जंगली इलाके में गिरा होगा।

मोर्टन बिलेट ने गिरते देखा उल्कापिंड

उल्कापिंड को गिरते हुए देखने वाले मेटियोर नेटवर्क के मोर्टन बिलेट ने कहा कि, ये काफी तेज रफ्तार से नीचे गिर रहा था और ये एक बहुत बड़ा आग का गोला दिख रहा था। इसकी रफ्तार काफी तेज थी, लेकिन ये उल्कापिंड कहा गिरा है, इसका पता अभी कर नहीं चल पाया है, और ना ही इसका मलबा अभी तक मिल पाया है। बिलेट ने कहा कि संभावित उल्कापिंडों की खोज में लगभग 10 साल लग सकते हैं।

करीब 6 सेकेंड्स तक दिखा उल्कापिंड

बिलेट ने कहा कि ये उल्कापिंड करीब 15-20 किमी प्रति सेकेंड की रफ्तार से आगे बढ़ रहा था और इसकी चमक करीब 5-6 सेकेंड तक आसमान में दिखाई देती रही। दरअसल, इसकी रफ्तार करीब 72 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की थी, लिहाजा ये फौरन धरती पर गिर गया। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि, उन्हें उल्कापिंड गिरते वक्तकाफी तेज हवा का झोंका महसूस हुआ, जिससे दबाव की लहर भी पैदा हो गई थी।

क्या आसमान में हुई कोई टक्कर?

क्या आसमान में हुई कोई टक्कर?

बिलेट ने कहा कि कल रात मंगल ग्रह और बृहस्पति के बीच एक बड़ी चट्टान के गुजरने की उम्मीद थी। वहीं, कुछ वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि हो सकता है कि किसी खलोगीय घटना की वजह से ये उल्कापिंट आकाश से नीचे गिरा हो। हालांकि, राहत की बात ये थी कि ये आबादी वाले इलाके में नहीं गिरा। आपको बता दें कि 2013 में रूस के चेल्याबिंस्क शहर के पास एक उल्कापिंड गिरा था, जिसमें 1200 से ज्यादा लोग घायल हो गए और दर्जनों इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं थीं।

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English summary
A meteorite has fallen in Norway at a speed of 72,000 kilometers per hour, which has caused a sensation.
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