पलभर में मार गिराए जाएंगे दुश्मन के जहाज, भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ MR-SAM डिफेंस सिस्टम
नई दिल्ली, 9 सितंबर: लंबे वक्त से भारत का चीन और पाकिस्तान के साथ विवाद चला आ रहा है। जिसको देखते हुए भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना अपनी तैयारियों को मजबूत कर रही हैं। इसी बीच गुरुवार को एक और अच्छी खबर सामने आई, जहां देश के सैन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए राजस्थान में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल वायु रक्षा प्रणाली को आधिकारिक रूप से वायुसेना में शामिल किया। इस कार्यक्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे।
कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने कहा कि MR-SAM रक्षा प्रणाली को जैसलमेर में वायुसेना के 2204 स्क्वाड्रन में शामिल किया गया है। ये स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक परिदृश्य तेजी से और अप्रत्याशित रूप से बदल रहे हैं, जिससे विभिन्न देशों के बीच समीकरणों में बदलाव आ रहा। दक्षिण चीन सागर हो, हिंद महासागर क्षेत्र हो, इंडो-पैसिफिक हो या मध्य एशिया, अनिश्चितता की स्थिति हर जगह देखी जा सकती है। हाल ही में अफगानिस्तान में जो हुआ वो इसका ताजा उदाहरण है।
क्या
है
इसकी
खासियत?
वायु
रक्षा
प्रणाली
की
सीमा
70
किलोमीटर
है।
ऐसे
में
ये
सिस्टम
इस
रेंज
में
आने
वाले
सभी
विमान,
हेलीकॉप्टर
और
मिसाइलों
को
मार
गिरा
सकता
है।
राजस्थान
का
जैसलमेर
जिला
पाकिस्तान
से
लगता
है,
जिस
वजह
से
ये
रक्षा
प्रणाली
वहां
पर
काफी
कारगर
साबित
होगी।
इसे
तैयार
करने
के
लिए
इजरायल
एयरोस्पेस
इंडस्ट्रीज
(IAI)
और
डिफेंस
रिसर्च
एंड
डेवलपमेंट
ऑर्गनाइजेशन
(DRDO)
के
बीच
एक
दशक
पहले
डील
हुई
थी।
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हाईवे
बना
रनवे
वहीं
राजस्थान
के
बाड़मेर
के
पास
NH-925A
पर
सट्टा-गंधव
खंड
पर
भारतीय
वायुसेना
ने
आपातकालीन
लैंडिंग
रनवे
तैयार
किया
है।
जिसका
उद्घाटन
केंद्रीय
सड़क
परिवहन
मंत्री
नितिन
गडकरी
और
राजनाथ
सिंह
ने
संयुक्त
रूप
से
किया।
उद्घाटन
कार्यक्रम
के
दौरान
वायुसेना
के
C-130J
सुपर
हरक्यूलिस
परिवहन
विमान
ने
हाईवे
पर
लैंडिंग
की।
जिसमें
सिंह,
गडकरी
और
एयर
चीफ
मार्शल
आरकेएस
भदौरिया
सवार
थे।