इमरान के खिलाफ एकजुट हुआ विपक्ष, 'आजादी मार्च' को मिला नवाज शरीफ का समर्थन
इस्लामाबाद। जम्मू कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगा रहे पाकिस्तान के पीएम इमरान खान अब अपने ही देश में दमनकारी नीतियों के चलते विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए हैं। देश के भीतर लगातार नेताओं को जेल भेजे जाने से नाराज कई पार्टियों के नेताओं ने इमरान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पाकिस्तानी नेता इमरान के खिलाफ 27 अक्टूबर में एक रैली करने जा रहे हैं। इस रैली को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का भी समर्थन मिल गया है।
फजलुर रहमान ने आजादी मार्च की घोषणा की
पेशावर में जमीयत प्रमुख फजलुर रहमान ने आजादी मार्च की घोषणा की है। नेता का कहना है कि, यह तभी मार्च खत्म होगा, जब इमरान खान सरकार चली जाएगी। इसका समर्थन नवाज शरीफ ने किया है। यह जानकारी नवाज के दामाद कैप्टन सफदर ने उनसे मुलाकात के बाद दी। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि नवाज का संदेश है कि हमें मौलाना फजलुर रहमान के जमियत उलेमा-ए-इस्लाम-फज्ल के आजादी मार्च में शरीक होना है।
27 अक्टूबर से सरकार के खिलाफ 'आजादी' मार्च का ऐलान कर दिया
मौलाना फजलुर रहमान ने 27 अक्टूबर से सरकार के खिलाफ 'आजादी' मार्च का ऐलान कर दिया है। वह भी कंटेनर में रह कर सरकार के खिलाफ धरना देंगे। मौलाना फजलुर रहमान ने धरना देने के लिए चार बुलेटप्रूफ कंटेनर का ऑर्डर दिया है। सूत्रों का कहना है कि कि कंटेनरों को धरने में शामिल करने का काम पूरा हो गया है। ये कंटेनर रसोई, बाथरूम और बेड से सुसज्जित हैं। प्रत्येक कंटेनर 12 लोग रहे सकते हैं। उनके इस धरने को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) का भी समर्थन हासिल है।
नवाज के फजलुर रहमान को समर्थन के चलते पार्टी दो धड़ों में बढ़ गई
वहीं दूसरी ओर नवाज के फजलुर रहमान को समर्थन के चलते पार्टी दो धड़ों में बढ़ गई है। यह खबर तब शुरू हुई जब शाहबाज अपने भाई से मिलने जेल नहीं गए। बताया जा रहा है कि शाहबाज इस मार्च में पीएमएल-एन द्वारा समर्थन देने के पक्ष में नहीं हैं। पाकिस्तान में जिस तरह की गतिविधियां तेज हुई हैं, उसको देखते हुए देश के भीतर ऐसे सवाल उठने लगे हैं। हाल ही में सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को व्यवसायियों को संबोधित करते देखा गया था। जिसके बाद देश में तख्तापलट की खबरें आने लगी थीं।
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