Mars Mission 2020: NASA आज लॉन्च करेगा स्पेसक्राफ्ट, अब मंगल ग्रह पर उड़ेगे हेलिकॉप्टर, जानिए विस्तार से
NASA आज लॉन्च करेगा स्पेसक्राफ्ट, अब मंगल ग्रह पर उड़ेगे हेलिकॉप्टर, जानिए विस्तार से
नई दिल्ली। मंगल ग्रह पर 8 सफल लैंडिंग के बाद अब अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA एक नया मिशन लॉन्च करने जा रहा है। नासा अपने मार्स मिशन 2020 के तहत मंगल ग्रह पर 30 जुलाई यानी कि आज Perseverance रोवर के लॉन्चिंग की तैयारी चुका है। केप फ्लोरिडा के कैनावेरल एयर फोर्स स्टेशन से मंगल ग्रह की दो साल की यात्रा के लिए यह लॉच किया जा रहा है। चीन और यूएई के मंगल मिशन शुरू करने के कुछ दिनों बाद ही अमेरिका ये मंगल पर अपना रोवर भेज रहा है। नासा अपना 5 वां मार्स रोवर भारतीय समयानुसार 5:20 बजे लॉच करेगा।
NASA का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी अभियान है
मार्स मिशन 2020 के तहत नासा अपना 1000 किलो के वजन वाला रोवर मंगल पर भेज रहा है। मंगल ग्रह पर यान भेजने का मौका 26 महीने में एक बार आता है। ये NASA का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी अभियान है। नासा इसे मंगल ग्रह के भूविज्ञान को बेहतर ढंग से समझने और प्राचीन जीवन के संकेतों की तलाश करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
नासा का ये रोवर मंगल गृह पर करेगा ये काम
इस रोवर से नासा मंगल की पुराने जीवन की जानकारी इकठ्ठा करेगा। इसके अलावा यह रोवर मंगल की सतह से पत्थर और मिट्टी चट्टान के नमूनों को एकत्र करके को धरती पर भी लेकर आएगा। यह भविष्य में रोबोट और मंगल ग्रह के मानव अन्वेषण के लाभ के लिए नई तकनीक का परीक्षण करेगा। नासा के इस Perseverance रोवर में कई कैमरे, माइक्रोफोन लगे हैं जो मंगल की तस्वीरें और आवाज रिकॉर्ड करेंगे।
नासा मंगल ग्रह पर उड़ाएगा ये हेलिकॉप्टर
रोवर के साथ एक Ingenuity नाम का एक छोटा हेलिकॉप्टर भी जाएगा वैज्ञानिकों की ये कोशिश है कि ये यह मंगल पर अकेले उड़ान भरे। रोवर के साथ जाने वाला यह Ingenuity हेलिकॉप्टर मंगल के बेहद विरल वातावरण के बीच उड़ान भरने के दौरान सतह से 10 फीट ऊंचा उठेगा और एक बार में 6 फीट आगे तक जाएगा। यह प्रयास करके ऊंची उड़ान भरने का प्रयास करेगा। वैज्ञानिकों के अनुसार इस हेलिकॉप्टर के पास उड़ान भरने के लिए एक महीने का समय होगा। अगर ये सफल हो जाता है तो भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों और रोबोट्स को मंगल ग्रह पर ऐसे हेलिकॉप्टर्स के जरिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में मदद कर सकेगा।
हेलिकॉप्टर मंगल गृह पर उड़ाना क्यों है मुश्किल
अगर ये सफल हो जाता है तो वैज्ञानिकों के लिए भविष्य में खोज करना बहुत आसान हो जाएगा। हालांकि कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्रह के आसपास की हवा पृथ्वी के वायुमंडल की मोटाई का सिर्फ 1 फीसदी है। इसलिए इतनी कम हवा में घूमने के लिए मंगल पर लिफ्ट मिलना बहुत मुश्किल होगा। पृथ्वी पर जो तकनीकि हम हेलिकॉप्टर उड़ाने के लिए करते हैं ये वहां काम नहीं करेगी। अधिकारियों ने बताया कि इसलिए हमने नए तरीके का अविष्कार किया है।
नासा रोवर को 18 फरवरी, 2021 को मंगल ग्रह पर उतरेगा
मार्स 2020 मिशन के प्रोजेक्ट वैज्ञानिक केन फार्ले ने कहा, " हमारे वैज्ञानिकों की टीम ने आंतरिक और बाहरी रूप से कई चर्चाएं की हैं कि अगले मंगल रोवर को कहां जाना चाहिए।""हमने अंततः जीज़ेरो क्रेटर को चुना क्योंकि यह जैविक अणुओं और सूक्ष्मजीव जीवन के अन्य संभावित संकेतों को खोजने के लिए एक ऐसा आशाओं से भरा स्थान है। उन्होंने बताया कि यदि प्रक्षेपण योजना के अनुसार होता है, तो नासा रोवर को 18 फरवरी, 2021 को मंगल ग्रह पर उतरेगा उन्होंने बताया कि ये विज्ञान का संचालन करने और नई तकनीक का परीक्षण करने के लिए 7 उपकरणों के रूप में ले जाएगा।
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इसका मिशन का उद्देश्य क्या है?
मार्स रोवर मिशन 2020 के तहत नासा जो ये 1000 किग्रा वजनी रोवर मंगल आज लॉच कर रहा यह रोवर मंगल पर पहले अस्तित्व में रहे सूक्ष्म जीवन के संकेतों को जुटाएगा। रोवर एक भौगोलिक रूप से विविध लैंडिंग साइट का पता लगाएगा। रोवर मंगल ग्रह के जलवायु और भूगर्भीय विशेषताओं का आंकलन करेगा। पृथ्वी पर वापस लौटने से पहले यह कुछ नमूने भी लेकर आएगा जिससे भविष्य में मंगल ग्रह संबंधी शोध को आगे बढ़ाया जा सकेगा। नासा फिलहाल अपने मार्स रोवर मिशन की तैयारियों में जुटा है। आप 30 जुलाई, 2020 को नासा के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मार्स 2020 मिशन की लॉचिंग को देख सकते हैं।
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