मालदीव: क्यों अब्दुल्ला यामीन चुनाव जीतने के लिए 'एंटी इंडिया कार्ड' खेल रहे हैं?
माले। मालदीव में इसी साल सितंबर में आम चुनाव होने वाले हैं और राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन भारत के खिलाफ हमला बोलते हुए वोट जुटाने में लगे हैं। अपनी जीत सुनिश्चित मानकर चल रहे चुनावी अभियान में यामीन ने भारत के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। हालांकि, विपक्ष का मानना है कि मालदीव की राजनीति में विश्वास खो चुके यामीन ने 'एंटी-इंडिया' की रणनीति अपनाई है। यामीन जब पहली बार एमए गयूम की सरकार में मंत्री बने थे, तभी से वह भारत के खिलाफ रहे हैं। वहीं, चीन से बढ़ती नजदीकियों की वजह से यामीन सरकार ने भारत को कभी तवज्जों नहीं दी है।
हालांकि, मालदीव में होने वाले चुनावों को लेकर भारत भी अपनी पूरी नजर रख रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि मालदीव की परिस्थितियों पर हम पूरे ध्यान से नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि जब से मालदीव में न्यायपालिका और मजलिस (लेजिस्लेटिव) समेत लोकतांत्रिक संस्थाओं को उचित और पारदर्शी तरीकों से नहीं चलाया जा रहा है, तभी से यह एक चिंता का विषय बना हुआ है।
रवीश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोजित करने से पहले हमने मालदीव सरकार से लोकतांत्रिक रास्ते पर लौटने और कानून के नियमों को ध्यान में रखते हुए राजनीति व्यवस्था को फिर से स्थापित करने के लिए आग्रह किया है।
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मालदीव की यामीन सरकार पिछले तीन सालों से अपने विपक्षी नेताओं के खिलाफ अपराधियों की तरह व्यवहार करते हुए उन्हें जेल में डाल रही है। राष्ट्रपति यामीन ने इसी साल फरवरी मालदीव में आपातकाल लागू कर दिया था, तब विपक्ष और वहां की न्यायपालिका ने भारत को दखल देने के लिए कहा था। तभी भारत ने यामीन सरकार की उनकी हरकतों के लिए कड़ी आलोचना की थी। उधर यामीन ने भी भारत को अपने देश के आंतरिक राजनीति में दखल नहीं देने की धमकी दी थी।
चीन से प्रभावित होकर मालदीव की यामीन सरकार भारत के खिलाफ लगातार हावी होने की कोशिश कर रही है। वहीं, जब से भारत ने यामीन सरकार के असंवैधानिक हरकतों की आलोचना की है तभी से उन्होंने भारतीय हितों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
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