मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने घोषित किया आपातकाल
माले। मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने देश में 15 दिनों के लिए आपातकाल की घोषणा कर दी है। मालदीव के सुप्रीम कोर्ट के राजनीतिक बंदियों को रिहा करने का आदेश देने और राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के इस आदेश को मानने से इनकार करने के बाद बड़ी तादाद में लोगों के सड़कों पर उतरने और भारी राजनीतिक उथलपुथल के बाद मालदीव में इमरजेंसी की घोषणा की गई है। वहीं इस फैसले के बाद यूएस नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने मालदीव सरकार को लोकतांत्रित मूल्यों को ना कुचलने की हिदायत दी है। काउंसिल ने कहा है कि अमेरिका मालदीव के लोगों के साथ खड़ा है और मालदीव सरकार और सेना से कहना चाहता है लोकतांत्रिक मूल्यों और जनता की आवाज का सम्मान करें।

मालदीप की राजधानी माले में लाखों की तादाद में लोग अब्दुल्ला यामीन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार को लोगों के सड़कों पर उतर आने के बाद आर्मी को हाई अलर्ट पर रखा गया है। कोर्ट और संसद परिसर भी आर्मी के सुरक्षा घेरे में है। मालदीव में गुरुवार से राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। गुरुवार को देश के सर्वोच्च न्यायालय ने निर्वासित पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद समेत जेल में बंद दूसरे नेताओं को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया था, जिसे मामने से देश की सरकार ने इंकार कर दिया। इसके बाद बड़ी ताताद में लोग यामीन के खिलाफ सड़कों पर आ गए हैं।
मालदीव के सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए देश के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को आतंकवाद के सभी आरोपों से बाइज्जत बरी करते हुए सभी राजनीतिक कैदियों की रिहाई का आदेश दिया। कोर्ट के इस फैसले के बाद से ही मालदीप की राजनीति में तूफान आया हुआ है। कोर्ट के फैसला सुनाया नशीद के समर्थकों नारेबाजी करने लगे और राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन की तत्काल इस्तीफे की मांग करने लगे, जिन्हें रोकने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। रविवार को नशीद और दूसरे बंदियों का रिहाई से सरकार के इंकार के बाद लोग फिर सड़कों पर हैं।
मालदीव: सुप्रीम कोर्ट ने भारत से मांगी मदद, राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने आर्मी को किया हाई अलर्ट
जीवनसंगी की तलाश है? भारत मैट्रिमोनी पर रजिस्टर करें - निःशुल्क रजिस्ट्रेशन!