मालदीव में राजनीतिक बवाल: यामीन को गिरफ्तार करने की मांग उठी, 2 चुनाव अधिकारियों ने छोड़ा देश
माले। मालदीव में आम चुनाव हो चुके हैं और जनता ने अब्दुल्ला यामीन को सत्ता से बेदखल कर दिया है, लेकिन इस देश की मुश्किलें अभी भी खत्म नहीं हुई है। मालदीव में रविवार को सैकड़ों के तादाद में लोग सड़कों पर उतरकर पराजीत हुए अब्दुल्ला यामीन को गिरफ्तारी की मांग करने लगे। पिछले महीने हुए आम चुनाव के परिणाम को चुनौती देने के लिए यामीन ने कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई शुरू हो चुकी है। यामीन के वकील ने आरोप लगाया है कि वोटिंग के दौरान गायब होने वाली इंक का इस्तेमाल किया गया था।
यामीन को गिरफ्तार करने के लिए लोग सड़कों पर
पिछले महीने हुए चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए यामीन के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनका आरोप है कि चुनाव के दौरान वोटिंग और बैलट पेपर्स में धांधली हुई है। इस चुनाव में यामीन को हार का सामना करना पड़ा था और विपक्ष के नेता इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने यामीन से 16.8 अधिक फीसदी मत हासिल किया था। न्यज एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए प्रदर्शनकारी 55 वर्षीय आबिदा आफीफ ने कहा, 'यह हमारा अधिकार है। वह इसे बदल नहीं सकते हैं। वह वोटों के साथ नहीं खेल नही सकते। यामीन को जाना ही होगा।'
यामीन ने लगाया चुनाव में धांधली का आरोप
उधर मालदीव चुनाव आयोग का कहना है कि आम चुनाव बिल्कुल फ्री और फेयर थे, जिसमें किसी भी प्रकार की कोई धांधली नहीं हुई है। चुनाव में 89.2 फिसदी लोगों ने वोट किया था, जिसके विपक्ष ने आसानी से जीत हासिल की थी। चुनाव परिणाम के बाद यामीन ने अपनी हार स्वीकार कर ली थी और 17 नवंबर को पद छोड़ने के लिए कहा था, लेकिन पिछले सप्ताह चुनाव परिणाम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देकर देश में राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया है।
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने छोड़ा देश
इस बीच खबर यह भी है कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से एक दिन पहले ही मालदीव चुनाव आयोग के चार अधिकारियों ने अपना देश छोड़ दिया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, दो अधिकारियों ने मालदीव से भागकर श्रीलंका में शरण ले ली है। मालदीव छोड़कर भागे अधिकारी ने कहा है कि उन्हें यामीन की पार्टी से धमकियां मिल रही थी। वहीं, यामीन की पार्टी ने कहा है कि उनके पास चुनाव में धांधली का ओडियो क्लिप है और अधिकारियों ने देश के लोगों से डर कर देश छोड़ा है।