मलेशिया के PM ने कहा, हमारे पास जाकिर नाइक का प्रर्त्यपण न करने का अधिकार
कुआलालंपुर। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को लेकर मलेशिया के पीएम महातिर मोहम्मद का कहना है कि अगर इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाईक को भारत में उचित ट्रायल नहीं मिलता है तो हमारे पास अधिकार है कि हम उसे प्रत्यर्पित नहीं करें। जाकिर को सामान्य तौर पर लगता है कि उन्हें (भारत में) फेयर ट्रायल नहीं मिलने वाला है। इसे ईडी और भारत सरकार के लिए बड़े झटके को तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि, ईडी जाकिर नाइक को इंटरपोल की मदद से रेड कॉर्नर नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है।
मलेशिया के प्रधानमंत्री ने कहा कि, मामला ऑस्ट्रेलिया के जैसा ही है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने पूर्व पुलिस कमांडो सरुल अजहर उमर को प्रत्यर्पित करने से इनकार कर दिया था, जिन्हें मलेशिया में एक मंगोलियाई मॉडल अल्तांतुआ शारिबियु की हत्या के लिए 2015 में मृत्युदंड दिया गया था। उन्होंने कहा कि, हमने ऑस्ट्रेलिया से सिरुल का प्रत्यर्पण करने का अनुरोध किया और उन्हें डर है कि हम उसे फांसी पर चढ़ाने वाले हैं।
बता दें कि विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक ने पहले भारत सरकार पर आरोप लगाया था कि वह उसे फंसाने में लगी है और इंटरपोल पर उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए लगातार दबाव बना रही है। नाइक ने एक बयान में कहा कि वह सरकार उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने के लिए इंटरपोल पर दबाव बना रही है। उसने दावा किया कि यह उसे फंसाने के व्यापक अभियान का हिस्सा है। लेकिन कुछ सदस्य देशों से पुष्टि करने के बाद, वह दावा कर सकता है कि अभी उसके खिलाफ कोई रेड कॉर्नर नोटिस जारी नहीं हुआ है।
नाइक 2016 से भारत से फरार है और मलेशिया में रह रहा है।नाइक ने कहा है कि भाजपा की सरकार के आने से पहले भारत में सत्ता के खिलाफ बोला जा सकता था और 80 फीसदी मौकों पर इंसाफ भी मिलता था। भाजपा की सरकार आने के बाद इंसाफ होने की उम्मीदें 20 फीसदी से ज्यादा नहीं रहती हैं। नाइक ने कहा कि 90 फीसदी मुसलमान जिन्हें आतंक से जुड़े आरोपों में गिरफ्तार किया गया। वो 10-15-20 साल के बाद रिहा हो गए। जिंदगी के 10 साल चले जाने के बाद क्या बचता है, ऐसे में मैं पागल नहीं जो भारत जाकर सारी उम्र खुद को बेकसूर बताते हुए जेल में बिता हूं।
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