क्यों मलेशियाई सरकार जाकिर नाईक को भारत नहीं भेजना चाहती?
नई दिल्ली। मलेशिया की पुलिस ने पहले कहा कि जाकिर नाईक को भारत भेजा जा रहा है, फिर उन्हीं के प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि उसे भारत नहीं भेजा जाएगा। इस बीच मलेशिया के उम्रदराज प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने रविवार को जाकिर नाईक के आवास पर जाकर उससे मुलाकात कर संकेत दिया कि उसके साथ मलेशियाई सरकार खड़ी है। उधर भारत सरकार अभी भी जाकिर के प्रत्यर्पण के लिए मलेशिया सरकार से बातचीत में लगी हुई है। हालांकि, जाकिर नाईक को लेकर मलेशिया में महातिर सरकार और कुछ कट्टरपंथियों का साथ हो सकता है, लेकिन वहां का विपक्ष और कुछ अच्छे विश्वविद्यालय जाकिर नाईक को अपने देश में रखने के खिलाफ है।
इस्लामिक विवादित उपदेशक जाकिर नाईक को मलेशिया में रखने को लेकर विपक्ष के नेता जेफरी क्लिंग्डन कहते हैं कि महातिर सरकार अपने वोट बैंक के खातिर उसे यहां रख रही है। अंग्रेजी न्यूज चैनल एनडीटीवी से बात करते हुए क्लिंग्डन ने कहा, 'वह (जाकिर नाईक) इधर-उधर नफरती भाषण दे रहा है। जो लेक्चर वह दे रहा है, उससे लोग एक-दूसरे से नफरत करने के लिए उत्तेजित हो रहे हैं।' क्लिंग्डन ने कहा कि जाकिर नाईक मलेशिया की सुरक्षा के लिए खतरा है।
क्लिंग्डन ने कहा कि मलेशिया में जो पिछली सरकार ने किया वैसे ही मताहिर की सरकार भी कर रही है। क्लिंग्डन के अनुसार, सरकार मुस्लिम वोट पाने के लिए विवादित उपदेशक जाकिर नाईक से साथ खड़ी है।
वहीं, मलेशिया की केबांग्सान यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर डेनिसन जयासूर्या ने कहा कि महातिर सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे जाकिर नाईक से आखिर क्यों मिले थे। प्रोफेसर ने कहा कि सरकार को रोहिंग्या लोगों से मिलने का वक्त नहीं है, लेकिन जाकिर से मिलने का वक्त है। प्रोफेसर ने आगे कहा कि जाकिर नाईक कोई डिप्लोमेट नहीं है, जो सरकार उससे जाकर मिले।
एक मलेशियाई न्यूज वेबसाइट एफएमटी से बात करते हुए प्रोफेसर क्लिंगडन ने कहा कि जाकिर नाईक अपने लेक्चर में धर्म को लेकर कट्टर विचार पेश कर रहा है, जो कि मलेशिया की एकता और आजादी के लिए सही नहीं है। उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत एक बड़ी आबादी वाला मुस्लिम मुल्क है, लेकिन वहां रोहिंग्याओं की तरह बड़ी संख्या में मुसलमान पलायन नहीं होते हैं। प्रोफेसर ने कहा कि पिछली सरकार और वर्तमान सरकार स्पष्ट करें कि आखिर क्यों जाकिर नाईक को मलेशिया में स्थायी आवास की अनुमति दी गई।