अमेरिका की मदद से मलेशिया विमान एमएच 370 की तलाश के लिए नया अभियान शुरू
कुआलालंपुर। पिछले तीन सालों से लापता विमान एमएच 370 को ढूंढने के लिए मलेशिया ने अमेरिका के साथ 50 मिलियन डॉलर की डील की है। 2014 मार्च में कुआलालम्पुर से बीजिंग जा रहा बोइंग 777 विमान 227 यात्रियों और 12 क्रू सदस्यों के साथ लापता हो गया था, जिसके बाद यह दुनिया का सबसे बड़ा रहस्य बन गया है। मलेशिया ने इससे पहले खुद से और ऑस्ट्रेलिया की मदद से एमएच 370 की तलाश की थी, लेकिन जांच बेहद खर्चीली होने की वजह से इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका। अब अमेरिका ने लापता हुए विमान को ढूंढने के लिए मलेशिया के साथ नई डील की है।
90 दिनों तक चलेगा सर्च ऑपरेशन
एमएच 370 के लापता होने के बाद ऑस्ट्रेलिया, चीन और मलेशिया ने दक्षिणी हिंद महासागर में करीब 1 लाख 20 हजार वर्ग किलोमीटर के दायरे में विमान की तलाश शुरू की थी, लेकिन कहीं भी विमान के मलबे का सुराग नहीं मिलने के बाद यह तलाश जनवरी 2017 में बंद कर दी गई। बाद में ऑस्ट्रेलिया के परिवहन सुरक्षा बोर्ड ने एक जगह चिह्न्ति किया था, जहां विमान का मलबा मिल सकता है। अमेरिका की मदद से यह सर्च ऑपरेशन 90 दिनों तक चलेगा, जिसकी शुरूआत दक्षिणी हिंद महासागर से 17 जनवरी से होगी। मलेशियाई नैवी दोनों सरकारों के 65 क्रू मेंबर मिलकर इस सर्च ऑपरेशन में शामिल होंगे।
हिंद महासागर में होगी तलाशी
मलेशिया के परिवहन मंत्री लुयो टिओंग ने कहा है कि तलाशी का नया इलाका हिंद महासागर में करीब 25 हजार वर्ग किलोमीटर का है। विमान कहां मिलता है इस बात पर भी कंपनी को मिलने वाली फीस तय होगी। उनके अनुसार, अगर विमान 5000 किलोमीटर के दायरे में मिला तो उन्हें 2 करोड़ डॉलर की रकम मिलेगी। इसके बाद सर्च ऑपरेशन का इलाके बढ़ने पर फीस भी बढ़ती जाएगी
अभी तक सिर्फ तीन हिस्से मिलने की पुष्टि
जांचकर्ताओं को अभी भी लगता है कि भारतीय महासागर के ऊपर किसी ने जानबूझकर प्लेन को डाइवर्ट करने से पहले ही उसके ट्रांसपोंडर का स्विच ऑफ कर दिया होगा। एमएच 370 की तलाशी में भारतीय महासागर से लेकर अफ्रीका के ईस्ट कोस्ट पर अब तक तीन हिस्से मिलने की पुष्टि हुई है।