मिली कोरोना से जान बचाने वाली दवा, ड्रग्स का नाम है 'डेक्सामेथासोन'
नई दिल्ली। कोरोना महामारी से जूझ रही दुनिया के लिए आज एक अच्छी खबर सामने आई है। ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि, उन्होंने एक ऐसी दवा खोजी है जो कोविड-19 के मरीजों को बचाने में कारगर साबित हो रही है। यह एक पुरानी और सस्ती दवा है जो कोरोना वायरस से गंभीर रूप से बीमार काफी लोगों की जान बचाने में सफल हुई है। इस दवा का नाम डेक्सामेथासोन है। वैज्ञानिकों ने कहा कि डेक्सामेथासोन नामक स्टेराइड के इस्तेमाल से गंभीर रूप से बीमार मरीजों की मृत्यु दर एक तिहाई तक घट गयी।
वेंटिलेटर पर रहने वाले मरीजों में डेथ रेट हुआ कम
बीबीसी में छपी एक खबर के मुताबिक, ब्रिटेन ने अस्थमा, फेफड़े की बीमारी और त्वचा रोग की दवा डेक्सामेथासोन का कोरोना संक्रमितों पर परीक्षण किया गया है। जिससे पता चला है कि इससे कोरोना मरीजों की मृत्युदर में कमी देखने को मिली है। ट्रायल के दौरान पता चला कि वेंटिलेटर पर रहने वाले मरीजों को ये दवा दिए जाने पर मौत का खतरा एक तिहाई घट गया। शोधकर्ताओं ने इस दवा को बड़ी कामयाबी बताया है। उनके अनुसार डेक्सामेथासोन को तुरंत अस्पतालों में कोविड संक्रमितों को दी जानी चाहिए।
मरीजों की मृत्यु दर में 35 फीसदी तक गिरावट
रिसर्च में कहा गया है कि, इस दवा को 2104 मरीजों में क्लीनिकल ट्रायल के दौरान दिया गया था और उनकी तुलना साधारण तरीकों से इलाज किए जा रहे 4321 दूसरे मरीजों से की गई। दवा के इस्तेमाल के बाद वेंटीलेटर पर रहे मरीजों की मृत्यु दर में 35 फीसदी तक गिरावट देखने को मिली। वहीं, जिन मरीजों को ऑक्सीजन दिया जा रहा था उनमें भी मृत्यु दर 20 प्रतिशत कम हो गयी। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ता पीटर होर्बी ने कहा कि ये काफी उत्साहजनक नतीजे हैं।
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ब्रिटेन में मरीजों के इलाज के लिए इस दवा का इस्तेमाल किया गया
रिसर्च में कहा गया है कि, महामारी की शुरुआत से ब्रिटेन में मरीजों के इलाज के लिए इस दवा का इस्तेमाल किया गया होता तो 5,000 से अधिक लोगों की जान बचाई जा सकती थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि, कोरोना वायरस वाले 20 में से 19 रोगी अस्पताल में भर्ती हुए बिना ठीक हो जाते हैं। जो लोग अस्पताल में भर्ती हैं, उनमें से भी अधिकांश ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ को ऑक्सीजन या मैकेनिकल वेंटिलेशन की आवश्यकता हो सकती है। ये उच्च जोखिम वाले रोगी हैं। जिन्हें डेक्सामेथासोन की मदद से बचाया जा सकता है।
बेहद सस्ती है यह दवा
कई और बीमारियों के दौरान पहले से इस दवा का इस्तेमाल इन्फ्लैमेशन घटाने के लिए किया जाता है। वेंटिलेटर वाले मरीजों पर भी इस दवा का अच्छा असर हुआ। उनकी मौत का खतरा 40 फीसदी से घटकर 28 फीसदी हो गया। ऑक्सीजन सपोर्ट पर जो मरीज थे, उनमें मौत का खतरा घटकर 25 फीसदी से 20 फीसदी हो गया। यह दवा काफी सस्ते दामों पर दुनियाभर में उपलब्ध है। कोरोना एक मरीज का अगर डेक्सामेथासोन से दस दिन इलाज किया जाता है तो इसकी कुल लागत 5 पाउंड आएगी। यह दवा पूरी दुनिया में उपलब्ध है।
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