महिंदा राजपक्षे ने SLFP से तोड़ा 50 साल पुराना नाता, नई पार्टी में हुए शामिल
कोलंबो। श्रीलंका में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच एक बड़ी खबर आई है। श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति और हाल में एक विवादित कदम के तहत प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए महिंदा राजपक्षे ने श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (SLFP) के साथ 50 साल पुराना नाता तोड़ दिया है। राजपक्षे ने श्रीलंका पोडुजना पार्टी (SLPP) ज्वॉइन कर ली है। ऐसा माना जा रहा है कि राजपक्षे 5 जनवरी को होने वाला चुनाव में लड़ सकते हैं। राजपक्षे ने रविवार को ही SLPP की सदस्यता औपचारिक तौर पर ग्रहण की है।
श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (SLFP) के संस्थापक कोई और नहीं बल्कि राजपक्षे के पिता ही थे। 1951 में यह पार्टी बनाई गई थी। पिछले साल राजपक्षे के समर्थकों ने SLPP बनाई, जिससे वह राजनीति में वापसी कर सकें। पार्टी ने फरवरी में हुए लोकल काउंसिल चुनावों में दो तिहाई सीटें जीतकर हलचल मचा दी थी। श्रीलंका में साल 2015 में राष्ट्रपति चुनाव हुए थे, जिसमें मैत्रीपाला सिरिसेना के मुकाबले राजपक्षे हार गए थे। सिरिसेना ने विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नैशनल पार्टी का समर्थन लिया था।
बाद में सिरिसेना और विक्रमसिंघे के बीच अधिकारों के बंटवारे को लेकर तनाव हो गया। 26 अक्टूबर को सिरिसेना ने विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री से हटा दिया और राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया। प्रधानमंत्री बदलने के सिरिसेना के फैसले से श्रीलंका में राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया। इसके बाद बीते शुक्रवार को राष्ट्रपति सिरिसेना ने मौजूदा संसद को ही भंग कर दिया और 5 जनवरी को त्वरित चुनाव कराने का ऐलान कर दिया। दरअसल, राजपक्षे को संसद में बहुमत नहीं मिल पाया था। पद पर बने रहने के लिए उन्हें 225 सदस्यों में से कम से कम 113 सदस्यों को समर्थन मिलना चाहिए था। अब श्रीलंका में 5 जनवरी को चुनाव होने हैं। ऐसे में राजपक्षे का नई पार्टी में जाना बेहद अहम कदम माना जा रहा है।