मेक्सिको में वामपंथी सरकार: लोपेज ओब्राडोर ने दर्ज की भारी जीत, अगले 6 साल के लिए होंगे राष्ट्रपति
मेक्सिको सिटी। वामपंथी उम्मीदवार आंद्रेस मेनुएल लोपेज ओब्राडोर (आम्लो) ने मेक्सिको में बदलाव का नारा देते हुए राष्ट्रपति का चुनाव जीत लिया है। मेक्सिको में रविवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में लोपेज को 50 प्रतिशत से भी ज्यादा वोट मिले हैं। हालांकि, लोपेज की इस जीत से पता चलता है कि इस बार चुनाव में दूर-दूर तक इस वामपंथी नेता को टक्कर देने के लिए कोई नहीं था। यहां तक कि सत्ताधारी पार्टी पीआरआई को भी 15 प्रतिशत से ज्यादा वोट नहीं मिले। अपनी अभुतपूर्व विजय के बाद राजधानी मेक्सिको सिटी में हजारों की संख्या में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए लोपेज ने कहा 'आज उन्होंने हमारी जीत को पहचाना है।' लोपेज इस साल 1 दिसंबर से अगले 6 साल के लिए मेक्सिको की सत्ता संभालेंगे।
अपनी विक्ट्री स्पीच में लोपेज ने कहा कि मेक्सिको में शांतिपूर्वक बदलाव होगा और अमेरिका के साथ नए संबंधों को स्थापित करने की कोशिश की जाएगी। देश के आंतरिक बाजार को मजबूत करने का वादा करते हुए लोपेज ने कहा कि जो हम खपत करते हैं, उनकों हमारे देश के बाजारों में उत्पादन करने की कोशिश करेंगे। जिससे कि मेक्सिको के लोग जहां पैदा हुए हैं, वहां पर ही अपने परिवार के साथ रहकर काम कर सकते हैं।
लोपेज ने मेक्सिको की जनता से वादा किया है कि देश में भ्रष्टाचार और हिंसा पर भी लगाम लगाएंगे। उन्होंने कहा, 'दशकों से राजनीतिक कारणों की वजह से सामाजिक और आर्थिक असमानताएं फैली है, जिसने हिंसा और भ्रष्टाचार को जन्म देने का काम किया है।' ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, मेक्सिको में भ्रष्टाचार सबसे बड़ी समस्या है। 2017 की रिपोर्ट में मेक्सिको के 51 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत देते हैं। फिलहाल मेक्सिको में 14 पूर्व और वर्तमान गवर्नर्स पर भ्रष्टाचार मामलों में जांच चल रही है।
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लोपेज की जीत के बाद मेक्सिको के पड़ोसी राष्ट्रपतियों ने नए राष्ट्रपति को उनकी जीत के लिए बधाई दी है। हालांकि, वामपंथी लोपेज ने अपने चुनावी अभियान के दौरान कई बार अमेरिकी राष्ट्रपति को भी आड़े हाथ लिया था। विशेषज्ञों का मानना है कि मेक्सिको के युवाओं से वोट जुटाने के लिए ट्रंप पर अटैक करना लोपज के लिए फायदेमंद साबित हुआ।लेकिन, लोपेज ने जीत के बाद कहा है कि वे अमेरिका के साथ आपसी सहयोग के साथ आगे बढ़ना चाहेंगे।
अर्थव्यवस्था की बात की जाए तो मेक्सिको लातिन अमेरिका की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। लेकिन, पिछले कुछ सालों से मेक्सिको की अर्थव्यवस्था पटरी से उतरी हुई है। लोपेज के आने से मेक्सिको की कंपनियों को नई आस जगी है, क्योंकि उन्होने इकनॉमिक रिफोर्म की भी बात की थी। लोपेज ने कहा था कि उनकी सरकार वित्तीय रूप से अनुशासित रहते हुए टैक्स को नहीं बढ़ाएगी। हालांकि, विपक्षी पार्टियों और लोपेज के विरोधियों का कहना है कि अपने वादों को पूरा करने के लिए लोपेज इतना पैसा कहां लाएंगे? लोपेज का मानना है कि वे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाकर वे अपने सरकारी खजाने को बढ़ा सकते हैं।
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