चीन की लिटयांग काउंटी में भारत में दलाई लामा से बौद्ध धर्म की शिक्षा लेने वाले लामाओं पर लगा बैन
चीन के सिचुआन प्रांत में भारत से आने वाले और बौद्ध धर्मगुरुओं को बैन कर दिया गया है और कहा गया है कि इन धर्मगुरुओं को बौद्ध धर्म की ‘गलत शिक्षा' दी जाती है। सिचुआन प्रांत के लिटयांग काउंटी में अधिकारियों की ओर से एक नोटिस जारी किया गया है।
बीजिंग। चीन के सिचुआन प्रांत में भारत से आने वाले और बौद्ध धर्मगुरुओं को बैन कर दिया गया है और कहा गया है कि इन धर्मगुरुओं को बौद्ध धर्म की 'गलत शिक्षा' दी जाती है। सिचुआन प्रांत के लिटयांग काउंटी में अधिकारियों की ओर से एक नोटिस जारी किया गया है। अधिकारियों की मानें तो ऐसा अलगाववाद का प्रचार रोकने के मकसद से किया गया है। अभी तक तिब्बोत स्वायत्त क्षेत्र यानी टीएआर में ऐसा होता था लेकिन यह पहला मौका है जब इससे बाहर इस तरह का कोई कदम उठाया गया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लो बल टाइम्से की ओर से यह जानकारी दी गई है।
दलाई लामा को अलगाववादी मानता चीन
चीन के धार्मिक मामलों से जुड़ी कमेटी के पूर्व मुखिया झु वाइकुआन ने कहा है, 'कुछ गुरुओं को विदेशों में 14वें दलाई लामा के समूह से बौद्ध धर्म की शिक्षा मिली होती है। दलाई लामा को चीन एक अलगाववादी नेता के तौर पर देखता है। ऐसे में यह काफी जरूरी है कि इन धर्मगुरुओं पर कड़ी निगरानी रखी जाए ताकि यह स्थायनीय धर्मगुरुओं के साथ मिलकर अलगावावदी गतिविधियों को अंजाम न दे सकें।' चीन दलाई लामा को एक ऐसे अलगाववादी नेता के तौर पर देखता है जो चीन विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं और हमेशा तिब्बेत की आजादी की बात करते हैं। दलाई लामा हमेशा चीन के आरोपों को मानने से इनकार कर देते हैं। उनका कहना है कि वह सिर्फ तिब्बरत के लिए स्वनतंत्रत दर्जे की मांग करते हैं। चीन में हर वर्ष देशभक्ति से जुड़ी क्लासेज लगती हैं। ये क्लारसेज उन लोगों के लिए होती हैं जिन्हें गेक्सेत ल्हा्राम्पाज डिग्री मिली होती है। इस डिग्री को तिब्बलती बौद्ध धर्म से जुड़ी सर्वोच्चग डिग्री मानते हैं और यह भारत की ओर से प्रदान की जाती है।
क्या है लिटयांग काउंटी
लिटयांग काउंटी के धार्मिक मामलों से जुड़े ब्यूयरों के अधिकारी ने ग्लो बल टाइम्सं को बताया, 'जो भी देशभक्ति की क्ला्सेज में गलत तरह से व्योवहार करेंगे या फिर अलगाववादी विचारधारा का संकेत दिया तो उन्हें बौद्ध धर्म की शिक्षा देने बैन कर दिया जाएगा और उन पर कड़ी नजर भी रखी जाएगी।' गेक्सेी का मतलब होता है ज्ञान और ल्हालराम्पा तिब्बोती बौद्ध धर्म में चार रैंक्सि में सर्वोच्चस रैंक होती है। साउथ वेस्ट चीन के टीएआर में करीब 105 बौद्धधर्म गुरु को साल 2004 से चीनी बौद्ध धर्म के संस्कचरण में यह डिग्री दी जा रही है। साल 1988 में अलगाववादी दंगों की वजह से यहां पर इस डिग्री से जुड़े टेस्टउ को निरस्त कर दिया गया था। अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि उस समय भारत में प्रशिक्षण हासिल करने वाले कितने बौद्ध धर्मगुरुओं को चीन मं0 बैन किया गया था। लिटयांग काउंटी तिब्बीती बौद्धधर्म का एक अहम गढ़ है और यहां से कई धार्मिक नेता निकले हैं। सांतवें और 10वें दलाई लामा लिटयांग से ही आते थे। लिटयांग मंदिर में करीब 800 बौद्ध धर्मगुरु हैं और यहां पर एक बार में करीब 4300 छात्रों को शिक्षा दी जा सकती है।