विस्फोट से तबाह हुए लेबनान के पास अब नहीं है खाने को अनाज, 1 महीने से भी कम का राशन बचा
नई दिल्ली। लेबनान की राजधानी बेरूत में मंगलवार शाम हुए धमाके में अब तक 100 लोगों की मौत और 4000 हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं। बेरूत के गवर्नर मार्वां एबॉड ने बुधवार को कहा कि विस्फोट के बाद शहर के तीन लाख लोग बेघर हो गए हैं। सभी को दूसरे जगह विस्थापित किया जा रहा है। इस धमाके में न सिर्फ लोगों के घर तबाह हो गए बल्कि अब लेबनान की जनता के सामने खाने की समस्या भी खड़ी होने की आशंका जताई जा रही है। दरअसल, बेरूत धमाके के बाद लेबनान के पास अब एक महीने से भी कम का राशन बचा है।
विस्फोट के बाद जलकर खाक हुआ खाद्य भंडार
इकोनॉमिक मिनिस्टर राउल नेहम ने विनाशकारी विस्फोट के एक दिन बाद मीडिया को बयान दिया कि बेरूत बंदरगाह पर लेबनान का मुख्य अनाज भंडार था जो विस्फोट के बाद जलकर खाक हो गया है। राउल नेहम ने बताया कि इस विस्फोट में अनाज भंडार में रखा गेहूं नष्ट हो गया जिसके बाद अब लेबनान के पास एक महीने से भी कम का राशन बचा है। हालांकि देश को अनाज की आपूर्ति करने वाले अन्य जहाज रास्ते में हैं जो सुरक्षित हैं। बता दें कि पूरे शहर में कचरा फैल गया। शहर के मेयर ने बताया कि पिछले एक दशक का ये सबसे भयावह हादसा है।
लेबनान के पास अब एक महीने से भी कम का राशन
राउल नेहम ने आगे बताया कि विस्फोट से विनाशकारी विस्फोट से पहले लेबनान को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कम से कम तीन महीने के लिए भंडार की आवश्यकता थी लेकिन अब उसकी उम्मीद अन्य अनाज भंडार पर टिक गई है। राउल नेहम ने कहा कि अब हमारे पास एक महीने से थोड़ा कम का ही राशन रिजर्व पड़ा है। बता दें कि जिस बंदरगाह पर यह विस्फोट हुआ वह लेबनान का मुख्य बंदरगाह था जहां से 6 मिलियन (60 लाख) से अधिक लोगों की जरूरतों का आयात किया जाता था।
120,000 टन अनाज रखने में क्षमता वाला अनाज भंडार हुआ तबाह
लेबनान की राजधानी बेरूत के साइलो अनाज भंडार में 120,000 टन अनाज रखने में क्षमता थी। त्रिपोली बंदरगाह के निदेशक अहमद तामेर ने बताया कि यह लेबनान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। अहमद तामेर ने कहा कि त्रिपोली में लेबनान का दूसरा सबसे बड़ा बंदरगाह अनाज भंडारण के लिए अब सुरक्षित नहीं है, लेकिन यहां से 2 किमी दूर स्थित गोदामों में बचे हुए गेहूं को स्थानांतरित किया जा सकता है।
Some pictures from inside Beirut's mangled port today. pic.twitter.com/ccf3drv3QX
— Timour Azhari (@timourazhari) August 4, 2020
चार जहाजों में सुरक्षित है गेहूं
गेहूं उत्पादक संघ के प्रमुख अहमद हटित ने स्थानीय मीडिया को बताया कि धमाके के समय बंदरगाह पर 15,000 टन से अधिक का गेहूं नहीं था। हाटित ने कहा कि आटे का मौजूदा भंडार डेढ़ महीने तक बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि 28,000 टन गेहूं के साथ चार जहाज थे जो अभी तक बंदरगाह पर नहीं पहुंचे है जिससे वह गेहूं अभी सुरक्षित है। स्थानीय समाचार चैनल के एक अधिकारी ने बताया कि लेबनान त्रिपोली में बंदरगाह पर 25,000 टन आटा ले जाने वाले चार जहाजों को तुरंत स्थानांतरित करने की कोशिश की जा रही है।
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